मुल्लेन चाय से कम हो सकता है अस्थमा का खतरा, जानिए इसके फायदे और महत्वपूर्ण बातें
मुल्लेन चाय एक तरह की हर्बल चाय है, जिसे पीले रंग के छोटे मुल्लेन फूलों से बनाया जाता है। इसका उपयोग अस्थमा और संक्रमणों के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है। इस चाय का इस्तेमाल भारत में सदियों से सर्दी और खांसी से निजात पाने के लिए होता आया है। मुल्लेन चाय को डाइट में शामिल करने से आपको कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिल सकते हैं। आइए जानते हैं इस चाय के सेवन से मिलने वाले फायदे।
इस तरह से बनती है मुल्लेन की चाय
मुल्लेन की चाय झटपट बन जाती है और इसकी रेसिपी बेहद आसान है। मुल्लेन चाय बनाने के लिए एक बर्तन में पानी उबालें। अब इसमें 2 से 3 चम्मच सूखे मुल्लेन के फूल या पत्तियां डाल दें। इसे करीब 15 से 20 मिनट तक गरम होने दें और उबाल आने पर गैस बंद कर दें। इसे छन्नी की मदद से छानकर गिलास में निकाल लें। आप मिठास के लिए इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
सांस की परेशानी में मिल सकती है राहत
खान-पान में मुल्लेन की चाय शामिल करने से आपको अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी बिमारियों को ठीक करने में मदद मिल सकती है। यह चाय बंद नाक को खोलती है, जिससे आप आराम से सांस ले सकते हैं। स्प्रिंगर में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह चाय खांसी, खराश और सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियों को कम करने में सहायक हो सकती है। साथ ही मुल्लेन की चाय श्वसन ग्रंथी की मांसपेशियों को आराम देने में भी मदद करती है।
संक्रमण से मिलती है राहत
मुल्लेन की चाय में एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो कई तरह के वायरस के खिलाफ मददगार साबित होते हैं। एविडेंस बेस्ड कॉम्प्लिमेंटरी अल्टरनेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि यह चाय इन्फ्लूएंजा से लड़ने में मदद कर सकती है। मुल्लेन की चाय स्यूडोरेबीज वायरस को हराने में भी प्रभावी होती है, जो श्वसन समस्याओं का कारण बनता है। इसके साथ ही इसके सेवन से सर्दी और जुखाम को भी ठीक किया जा सकता है।
बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम
मुल्लेन की चाय में हानिकारक जीवाणुओं से लड़ने की क्षमता होती है। यह चाय पेट से जुड़ी बिमारियों और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने में मदद कर सकती है। यह चाय स्ट्रेप्टोकोकस पाइोजेन्स नामक बैक्टीरिया को मार सकती है, जो शरीर में संक्रमण पैदा करते हैं। इस चाय से किसी भी बीमारी का पूरी तरह इलाज नहीं किया जा सकता है। हालांकि, इससे बिमारियों के लक्षण कम किए जा सकते हैं।
मुल्लेन की चाय के सेवन से हो सकती हैं ये हानियां
वैसे तो मुल्लेन की चाय में कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के अनुसार, मुल्लेन चाय बनाते समय सावधानी बरतना जरूरी है, क्योंकि इससे कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस बीमारी हो सकती है। इस चाय को पीने से पहले अच्छी तरह छान लें, क्योंकि इसके फूल में छोटे-छोटे रेशे होते हैं। ये गले में जाकर खुजली और अन्य परेशानी पैदा कर सकते हैं।