विटामिन-D लेने का सही तरीका और सबसे अच्छा समय क्या है?
कई डॉक्टर्स यह सलाह देते हैं कि शरीर में विटामिन-D की जरूरत को पूरा करने के लिए कुछ देर सर्य के संपर्क में रहना आवश्यक है। यह विटामिन हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बहुत लाभदायक होता है। हालांकि, क्या आप पर्याप्त विटामिन-D के लिए सूर्य की रोशनी को सोखने का सही तरीका और समय जानते हैं? आइए जानते है कि विटामिन-D के लिए कितनी देर तक धूप में रहना चाहिए और उस दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
विटामिन-D की शरीर में क्या भूमिका है?
विटामिन-D एक तरह का पोषक तत्व है, जो शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, यह नर्वस सिस्टम, मांसपेशियों और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है। यही वजह है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर में विटामिन-D की पर्याप्त मात्रा का होना जरूरी है।
विटामिन-D की कमी से होने वाले नुकसान कौनसे हैं?
शरीर में इस पोषक तत्व की कमी के कारण हड्डियों और मांसपेशियो में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा इससे हड्डियों में कमजोरी भी आ सकती है। बहुत अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना भी विटामिन-D की कमी के एक अन्य प्रमुख लक्षण हैं। बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, बार-बार मूड का बदलना और श्वसन संबंधी समस्याएं भी विटामिन-D की कमी की ओर इशारा करती हैं।
विटामिन-D के लिए किस तरह और कितनी देर तक धूप में रहें?
विशेषज्ञों के मुताबिक, विटामिन-D के लिए दोपहर 12 से 3 बजे के बीच सूर्य के संपर्क में रहें और धूप में एक्सरसाइज करने से शरीर बेहतर तरीके से विटामिन-D अवशोषित करता है। इसके अतिरिक्त, डार्क स्किन टोन वाले 30 मिनट और लाइट स्किन टोन वालों के लिए 15 मिनट तक धूप में रहना काफी है। ध्यान रखें कि सूर्य की किरणें सीधे आंखों में न आए और धूप लेने के बाद अपनी त्वचा पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें।
विटामिन-D की कमी से उभरने के अन्य उपाय क्या हैं?
अगर ब्लड टेस्ट आदि से आपको पता चला कि आपके शरीर में विटामिन-D की कमी या इससे सुरक्षित रहना चाहते हैं तो धूप में रहने के साथ-साथ अपनी डाइट में दूध से बने उत्पाद, संतरे का जूस, मशरूम, अनाज और सोयाबीन आदि को शामिल करें। इसके अतिरिक्त, डॉक्टरी सलाह पर विटामिन-D सप्लीमेंट्स का सेवन करते हुए और समय-समय पर डॉक्टर से शरीर में विटामिन-D का स्तर की भी जांच कराते रहें।