कीटो बनाम एटकिंस: वजन घटाने के लिए इनमें से कौन-सी डाइट है बेहतर?
क्या है खबर?
कीटो और एटकिंस, दोनों ही कम कार्ब्स वाली डाइट हैं। इनका उद्देश्य वजन कम करना और मेटाबॉल्जिम के स्तर को बढ़ाना है।
यही वजह है कि पिछले कुछ समय में इन्हें फॉलो करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है।
हालांकि, दोनों डाइट अलग-अलग तरीके से काम करती हैं और इनके बीच काफी अंतर है।
आइए जानते हैं कि वजन घटाने के लिए कीटो और एटकिंस डाइट में से कौन-सी सबसे ज्यादा प्रभावी है।
एटकिंस डाइट
एटकिंस डाइट क्या है?
कम कार्ब, उच्च वसा, मध्यम-प्रोटीन वाली यह डाइट डॉ रॉबर्ट एटकिंस द्वारा प्रचारित की गई है, जो आज दुनियाभर में तेजी से प्रचलित हो रही है।
यह डाइट 4 चरणों में विभाजित है और इसका पालन करते समय शुगर युक्त खान-पान की चीजें, अनाज (गेहूँ, राई, चावल और जौ) और वनस्पति तेल (सोयाबीन का तेल, मकई का तेल आदि) खाने से बचना चाहिए।
वजन घटाने के अलावा डाइट कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार करने में मदद भी कर सकती है।
कीटो डाइट
कीटो डाइट कैसे काम करती है?
कीटो डाइट एक ऐसी डाइट है, जिसमें ग्लूकोज की जगह कीटोंस शरीर को ऊर्जा देने का काम करते हैं।
हर व्यक्ति को अलग संख्या में कीटोंस की जरूरत होती है।
कीटोंस ऊर्जा का दूसरा विकल्प हैं, जो शरीर में ऊर्जा सप्लाई करते हैं। इसमें कार्बोहाईड्रेट्स की जगह शरीर फैट बर्न कर उसे ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करता है।
इस डाइट में कार्बोहाईड्रेट बहुत कम इस्तेमाल किया जाता है और सीमित मात्रा में प्रोटीन और फैट्स लिया जाता है।
नुकसान
दोनों डाइट से होने वाले नुकसान
एटकिंस डाइट में कार्ब्स के सेवन में भारी कटौती होती है, इसलिए थकान, कमजोरी, चक्कर आना और पाचन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट की कमी से पोषण संबंधी कमियां भी हो सकती हैं।
दूसरी तरफ जब हम कीटो डाइट लेना शुरू करते हैं तो हमारा शरीर अलग तरह से काम करने लगता है। इससे शुरुआत में लोगों को ज्यादा थकान, अधिक नींद आना, सिरदर्द, जी मचलाना आदि की समस्या हो जाती हैं।
चयन
एटकिंस और कीटो में से किसका चयन करना है ज्यादा बेहतर?
अपनी स्वास्थ्य जरूरतों को समझने से आपको यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि दोनों में से कौन-सी डाइट बेहतर है। एटकिंस निश्चित रूप से अधिक प्रभावी है क्योंकि आप इसमें धीरे-धीरे अधिक खाद्य पदार्थ खाना शुरू कर सकते हैं, लेकिन कीटो भी बेहतरीन डाइट है।
हालांकि, हृदय रोग या लीवर और किडनी रोग से ग्रस्त व्यक्तियों को विशेषज्ञ इनमें से किसी भी डाइट का पालन करने की सिफारिश नहीं करते हैं।