खून के कैंसर की इन सामान्य लक्षणों से करें पहचान और तुरंत करवाएं इलाज
आज के समय में लोगों की जीवनशैली में काफ़ी बदलाव हुआ है। इसकी वजह से उन्हें कई रोगों का सामना करना पड़ रहा है। आजकल कई ख़तरनाक बीमारियां समय से पहले ही बच्चों को हो जाती हैं। आजकल तो डाइबिटीज जैसी बीमारी भी बच्चों को होने लगी है। आज हम आपको जानलेवा बीमारी ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) के बारे में बताने जा रहे हैं, समय से पहले इसके लक्षण पहचानकर इलाज कराया जाए तो जान बच सकती है।
क्या है ल्यूकेमिया बीमारी
ल्यूकेमिया एक ऐसी बीमारी है, जो ज़्यादातर बच्चों में होती है। हालाँकि यह बीमारी बड़ों को भी हो सकती है। ल्यूकेमिया एक तरह का ब्लड कैंसर होता है। इस बीमारी के होने पर शरीर में सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है। साथ ही इनका आकार भी बदलने लगता है। इसकी वजह से शरीर में स्वस्थ्य रक्त कोशिकाओं का विकास होना रुक जाता है, जो सेहत की दृष्टि से बिलकुल भी ठीक नहीं होता है।
दो तरह का होता है ल्यूकेमिया
बता दें ल्यूकेमिया दो तरह का होता है। पहला तीव्र ल्यूकेमिया (Acute Leukemia) और दूसरा दीर्घ ल्यूकेमिया (Chronic Leukemia)। पहले तरह का यानी तीव्र ल्यूकेमिया छोटे बच्चों में अधिक होता है, जबकि दूसरे तरह का ल्यूकेमिया यानी दीर्घ ल्यूकेमिया बड़े उम्र के लोगों में देखा जाता है। यह बीमारी बहुत ही ख़तरनाक है, लेकिन समय से पहले लक्षण पहचानकर इलाज करने पर इससे मुक्ति पाई जा सकती है। आइए जानते हैं ल्यूकेमिया के लक्षणों के बारे में।
ज़्यादा थका हुआ महसूस करता है ल्यूकेमिया का मरीज़
जब भी कोई व्यक्ति या बच्चा इस ख़तरनाक बीमारी की चपेट में आता है तो आमतौर पर उसकी त्वचा पीली पड़ने लगती है। इसे ज़्यादातर लोग सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है। अगर आपके या घर के किसी सदस्य के साथ ऐसा हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। ल्यूकेमिया से पीड़ित व्यक्ति आम लोगों की तुलना में ज़्यादा थका हुआ महसूस करता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
ल्यूकेमिया के मरीज़ का इम्यून सिस्टम होता है कमज़ोर
ल्यूकेमिया बीमारी होने के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर पड़ने लगता है। इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति जल्दी-जल्दी फ्लू, सर्दी-ज़ुकाम और बुखार की चपेट में आने लगता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर बिना किसी वजह के आपकी सांसे तेज़ चलें तो यह ल्यूकेमिया बीमारी होने का संकेत हो सकता है। ल्यूकेमिया होने पर व्यक्ति तेज़ी से सांस लेने लगता है और सांसे सामान्य से छोटी हो जाती हैं।
घाव भरने में लगता है ज़्यादा समय
किसी जगह पर चोट लग गई है और उसका घाव भरने में काफ़ी समय लग रहा है तो इसे भी अनदेखा मत करिए, क्योंकि यह भी ल्यूकेमिया का एक लक्षण है। ऐसे में जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर की सलाह लें।