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उच्च वसा वाला भोजन मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को कर सकता है बाधित, अध्ययन में खुलासा

उच्च वसा वाला भोजन मस्तिष्क में रक्त प्रवाह को कर सकता है बाधित, अध्ययन में खुलासा

लेखन सयाली
Aug 08, 2025
01:59 pm

क्या है खबर?

भारतीय खान-पान में कई ऐसे व्यंजन होते हैं, जिनमें उच्च वसा होती है। इनमें घी और मक्खन का इस्तेमाल करके बनाए गए व्यंजन शामिल होते हैं। लोग इस तरह के भोजन को पौष्टिक मानते हैं, लेकिन इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अब एक नए अध्ययन से सामने आया है कि उच्च वसा वाली केवल एक मील खाने से भी मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बिगड़ सकता है। इससे जिससे स्ट्रोक और मनोभ्रंश का खतरा बढ़ सकता है।

वसा

कैसे वसा से बाधित होता है रक्त प्रवाह?

डाइट्री वसा खान-पान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके 2 प्रकार होते हैं। इन्हें संतृप्त और असंतृप्त वसा कहते हैं, जिनकी रासायनिक संरचना द्वारा उनके बीच अंतर किया जाता है। मस्तिष्क में ऊर्जा का भंडार सीमित होता है और यह सामान्य कार्यों के लिए ऑक्सीजन और ग्लूकोज पहुंचाने वाले खून की निरंतर आपूर्ति पर निर्भर रहता है। आपूर्ति को बनाए रखने के लिए डायनेमिक सेरेब्रल ऑटोरेगुलेशन प्रक्रिया जिम्मेदार होती है। इस प्रक्रिया के बाधित होने पर ही रक्त प्रवाह बिगड़ता है।

उद्देश्य

क्या था इस अध्ययन का उद्देश्य?

संतृप्त वसा से भरपूर भोजन के बाद रक्त में वसा का स्तर बढ़ जाता है और लगभग 4 घंटे बाद चरम पर पहुंच जाता है। इसी समय रक्त वाहिकाएं सख्त हो जाती हैं और उनकी आराम करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बाधित होता है। इस बारे में बहुत कम जानकारी मौजूद थी कि इस दौरान मस्तिष्क में क्या प्रतिक्रियाएं होता है। इसी गुत्थी को सुलझाने के लिए यह अध्ययन किया गया था।

अध्ययन

कहां किया गया था यह अध्ययन?

अध्ययन को 'जर्नल ऑफ न्यूट्रिशनल फिजियोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। इसे साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिलकर पूरा किया था। शोध के बाद पाया गया कि एक बार उच्च वसा वाला भोजन खाने के बाद रक्त वाहिका कार्य और मस्तिष्क रक्त प्रवाह विनियमन में गिरावट आ जाती है। वृद्ध लोगों में यह प्रभाव ज्यादा स्पष्ट नजर आता है, जिससे पता चलता है कि उम्र बढ़ने के साथ वसा युक्त खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

प्रक्रिया

अध्ययन में शामिल थे 41 पुरुष 

अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने 41 स्वस्थ पुरुषों की मदद ली, जिनमें से 20 की उम्र 20 साल के आसपास और 21 की उम्र 60 साल के आसपास थी। सभी धूम्रपान नहीं करते थे, हृदय रोग से मुक्त थे और ऐसी कोई दवा नहीं ले रहे थे, जिससे अध्ययन के परिणाम प्रभावित हो सकते थे। प्रतिभागियों ने एक विशेष रूप से तैयार किया गया उच्च-वसा वाला पेय पिया, जो क्रीम, चॉकलेट सिरप, चीनी और दूध के पाउडर से बना था।

जांच

इस तरह पूरा किया गया अध्ययन

शोधकर्ताओं ने इस पेय को 'ब्रेन बम' नाम दिया था। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें कुल 1,362 कैलोरी और 130 ग्राम वसा थी। इस पेय को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह रक्त में वसा की मात्रा में अस्थायी वृद्धि पैदा करता है। इस स्थिति को पोस्ट-प्रैन्डियल हाइपरलिपिडिमिया कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने भोजन से पहले और भोजन के 4 घंटे बाद प्रतिभागियों की रक्त वाहिका स्वास्थ्य और मस्तिष्क रक्त प्रवाह नियंत्रण को मापा।

नतीजे

क्या रहे अध्ययन के नतीजे?

शोधकर्ताओं ने अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके यह जांचा कि रक्त प्रवाह में वृद्धि के दौरान धमनियां कितनी अच्छी तरह फैलीं। महज 4 घंटे बाद ही दोनों आयु समूहों वाले प्रतिभागियों की रक्त वसा में तेजी से वृद्धि हुई। युवा पुरुषों में यह स्तर 0.88 से बढ़कर 2.26 mmol/L हो गया। वृद्धों में यह 1.39 से बढ़कर 2.92 mmol/L हो गया। युवाओं की रक्त वाहिकाओं के कार्य में लगभग 0.7 प्रतिशत और वृद्ध पुरुषों में 1.2 प्रतिशत अंक की गिरावट आई।