तिब्बत: ल्हासा की यात्रा को शानदार बना सकते हैं ये 5 स्थल, एक बार जरूर जाएं
तिब्बत की राजधानी और एक खूबसूरत पर्यटन स्थल ल्हासा अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए मशहूर है। यहां का शांत वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है। ल्हासा में कई ऐतिहासिक मठ और मंदिर हैं जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा यहां की स्थानीय संस्कृति और परंपराएं भी देखने लायक हैं। अगर आप एक शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो ल्हासा आपके लिए एक आदर्श स्थान है।
पोताला पैलेस
पोताला पैलेस ल्हासा का सबसे मशहूर आकर्षण है। यह महल 7वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे दलाई लामा का निवास स्थान माना जाता था। महल की वास्तुकला बहुत सुंदर है और इसमें कई प्राचीन मूर्तियां, पेंटिंग्स और धार्मिक ग्रंथ संग्रहित हैं। महल से पूरे शहर का नजारा बेहद खूबसूरत दिखता है। यहां आने वाले पर्यटक इस महल की भव्यता को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
जोखांग मंदिर
जोखांग मंदिर तिब्बती बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह मंदिर 7वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यहां भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति स्थापित है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में हर साल कई धार्मिक उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें भाग लेना एक अनोखा अनुभव है।
बारखोर स्ट्रीट
बारखोर स्ट्रीट ल्हासा का मुख्य बाजार क्षेत्र है, जहां आप स्थानीय हस्तशिल्प, कपड़े, आभूषण आदि खरीद सकते हैं। इस बाजार में घूमते हुए आप तिब्बती संस्कृति को करीब से देख सकते हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनकी जीवनशैली को समझ सकते हैं। यहां मिलने वाले स्मृति चिन्ह आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे। इसके अलावा यहां के रंग-बिरंगे बाजार और पारंपरिक वस्त्र भी देखने लायक हैं, जो तिब्बती संस्कृति की झलक दिखाते हैं।
नोरबुलिंका पैलेस
नोरबुलिंका पैलेस दलाई लामाओं का ग्रीष्मकालीन निवास स्थान रहा है। यह महल अपने सुंदर बगीचों और झीलों के लिए जाना जाता है, जहां आप सुकून भरे पल बिता सकते हैं। महल के अंदर कई कक्षों में प्राचीन वस्त्र, चित्रकला और अन्य कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं, जो तिब्बती कला सहित संस्कृति को दर्शाती हैं। यहां आकर आप तिब्बती इतिहास और संस्कृति को करीब से जान सकते हैं और इसकी खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।
ड्रेपुंग मठ
ड्रेपुंग मठ दुनिया के सबसे बड़े मठों में से एक माना जाता है, जो 15वीं शताब्दी में स्थापित हुआ था। यहां हजारों भिक्षु रहते थे। इस मठ परिसर में कई छोटे-छोटे भवन, प्रार्थना कक्ष और पुस्तकालय स्थित हैं। यहां आकर आपको आध्यात्मिक शांति मिलेगी, साथ ही तिब्बती बौद्ध धर्म और उसकी परंपराओं को करीब से जानने-समझने का अवसर मिलेगा। यह स्थान तिब्बती संस्कृति और धार्मिक धरोहर को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।