सुबह खाली पेट गुड़ का गुनगुना पानी पीने से मिलते हैं ये 5 प्रमुख फायदे
कई लोग सुबह की शुरूआत चाय और कॉफी की चुस्कियों से करते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सुबह-सुबह गर्म पानी और तरह-तरह के फलों के रस का सेवन करते हैं। इसी कड़ी में सुबह उठते ही खाली पेट गुड़ का गुनगुना पानी पीना भी एक अच्छा और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हो सकता है। इससे शरीर को कई लाभ मिलते हैं। आइए आज आपको गुड़ का गुनगुना पानी पीने से मिलने वाले पांच प्रमुख फायदे बताते हैं।
शरीर को डिटॉक्स करने में है मददगार
विषाक्त पदार्थों का जमाव होने से शरीर कई तरह के रोगों का घर बन सकता है, इसलिए यह आवश्यक है कि शरीर को डिटॉक्स करने वाली चीजों का सेवन किया जाए। गुड़ का गुनगुना पानी एक प्राकृतिक क्लींजर है, इसलिए इसका सेवन शरीर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाने में भी मदद कर सकता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने में है सहायक
गुड़ के पानी में विभिन्न एंटी-ऑक्सीडेंट, खनिज और विटामिन्स होते हैं। ये गुण इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जिससे हानिकारक रोगजनकों से सुरक्षित रहने में मदद मिल सकती है। यह सर्दी-खांसी का प्राकृतिक रूप से इलाज करने में भी सहायक है। इसमें फेफड़ों को जहरीले प्रदूषण से बचाने की भी क्षमता होती है। इन फायदों के लिए रोजाना एक या आधा गिलास गुड़ का गुनगुना पानी जरूर पीएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा होगा कम
हाई कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित रखना जरूरी है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गुड़ का गुनगुना पानी पीने से हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा कम करने में मदद मिल सकती है। यह फाइबर से भरपूर होता है, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
ऊर्जावान बनाए रखने में है कारगर
अगर आप रोजाना गुड़ का गुनगुना पानी पीते हैं तो यह आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखने में काफी मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं और यह धीमी गति से पचता है, इसलिए इससे शरीर में ऊर्जा बरकरार रहती है। इसका मतलब है कि इससे आप अधिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं और घंटों तक सक्रिय रह सकते हैं।
पाचन क्रिया के लिए है लाभदायक
गुड़ के पानी में ऐसे एजेंट मौजूद होते हैं, जो आंतों के अच्छे बैक्टीरिया को प्रोत्साहित करते हैं और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह पुराने अल्सर का जोखिम कम करने में भी मदद कर सकता है और इससे पाचन क्रिया को बेहतर रखने में भी मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), पेट दर्द और पेट फूलने जैसी समस्याओं का भी प्राकृतिक रूप से इलाज कर सकता है।