शरीर के ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने में सहायक हैं ये हस्त मुद्राएं, जानिए अभ्यास का तरीका
सिर्फ कोरोना वायरस ही नहीं बल्कि कई ऐसे संक्रमण और बीमारियां हैं, जो ऑक्सीजन लेवल को प्रभावित कर सकती हैं, जिसके कारण व्यक्ति मौत के मुंह में भी जा सकता है। हालांकि, कुछ योग हस्त मुद्राएं शरीर के ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने में काफी मदद कर सकती हैं। चलिए फिर आज आपको कुछ ऐसी हस्त मुद्रओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो फेफड़ों पर सकारात्मक प्रभाव डालकर ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकी उंगलियों को सीधा रखें, फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
लिंग मुद्रा
लिंग मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को पेट के सामने लाकर हथेलियों को मिलाएं और उंगलियों को इंटरलॉक कर लें। इसके बाद अपने बाएं अंगूठे को दूसरे हाथ की तर्जनी उंगली के बगल से ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि आपका बायां अंगूठा ऊपर उठा हो और दायां अंगूठा और तर्जनी उंगली के साथ घिरा हो। इस मुद्रा में 15 मिनट तक बने रहें।
ज्ञान मुद्रा
ज्ञान मुद्रा के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं, फिर अपने दोनों हाथों को इस तरह से घुटनों पर रखें कि हथेलियां आकाश की तरफ हों। इसके बाद अपनी तर्जनी उंगली को अपने अंगूठे की नोक से मिलाएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 से 20 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
अपान वायु मुद्रा
अपान वायु मुद्रा के लिए पहले सुखासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां आसमान की ओर हो। इसके बाद अपने हाथों की तर्जनी उंगली को मोड़ते हुए अंगूठे की जड़ से सटाएं, फिर अनामिका और मध्यमा उंगली को मोड़कर अंगूठे की नोक को दबाएं। इस दौरान छोटी उंगली बाहर की ओर फैलाएं और दोनों आंखें बंद रखें। कुछ देर बाद इस मुद्रा को छोड़ दें।