क्या होती है जापान की मशहूर कैलीग्राफी कला? जानिए इसे करने का सही तरीका
क्या है खबर?
कैलीग्राफी जापानी संस्कृति की सबसे कलात्मक, प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित कला में से एक है। इसे शोडो के नाम से भी जाना जाता है, जिसका मतलब होता है "लिखने का तरीका"।
कैलीग्राफी की परंपरा सबसे पहले 6वीं शताब्दी ई. में चीन में शुरू हुई थी और बाद में जापान लाई गई थी। आपने इस कला को कई बार जापानी कार्टूनों और फिल्मों में जरूर देखा होगा।
आइए इस कला के बारे में महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
इतिहास
कैसे शुरू हुई थी कैलीग्राफी की कला
जापानी कैलीग्राफी की नींव चीन में हान राजवंश के दौरान रखी गई थी। इस कला के सारे रूप 220 ई. तक विकसित हो चुके थे।
इसे जापान में 6वीं शताब्दी ई. में देशों के बीच संपर्क बनाए रखने के साधन के रूप में पेश किया गया था।
असल में कैलीग्राफी लेखन में पारंगत होने के लिए दशकों लग जाते हैं और इसका महत्त्व चित्रकला व जापानी कला के अन्य रूपों के समान ही होता है।
कलाकार
किस ने की थी इस लेखन कला की शुरुआत?
कैलीग्राफी कला की शुरुआत चीन के प्रधानमंत्री ली सी ने 208 ई. में किन राजवंश के दौरान किया था। शुरुआत में धार्मिक उद्देश्यों के चलने इस लिपि को हड्डियों पर लिखा जाता है।
उन्होंने तय किया कि सभी हॉरिजॉन्टल स्ट्रोक पहले लिखे जाने चाहिए और अक्षर नीचे से ऊपर व बाएं से दाएं लिखे जाने चाहिए।
लगभग 300 ई. में स्याही और ब्रश का आविष्कार किया गया और अक्षर अधिक सहज तरीके से बनाए जाने लगे।
शैलियां
जानिए कैलीग्राफी की वभिन्न शैलियां
जब से इस कला का आविष्कार किया गया, तभी से इसकी कई अलग-अलग शैलियां भी बनती गईं। इनमें से कई एक विशेष समय के दौरान शाशन करने वाले राजाओं द्वारा विकसित की जाती थीं।
कैलीग्राफी के 3 मुख्य स्टाइल होता हैं, जिन्हें काय्शो, गयोशो और सोशो कहा जाता है। बच्चे सबसे पहले काय्शो सीखते हैं, जो ब्लॉक की तरह लिखने वाली शैली है।
इसके बाद, गयोशो यानि 'चलती शैली' और सोशो यानि सबसे मुश्किल शैली सिखाई जाती है।
तरीका
कैसे की जाती है कैलीग्राफी?
जापानी कैलीग्राफी करने के लिए आपको इसके '4 जेवरों' की जरूरत पड़ेगी। ये असल में इस कला के लिए आवश्यक उपकरण होते हैं, जिनमें ब्रश, स्याही, शहतूत का कागज और सुजूरी पत्थर शामिल होते हैं।
कैलीग्राफी सीखने के लिए बुनियादी स्ट्रोक को समझने से शुरुआत करें। पहले पतले अपस्ट्रोक और मोटे डाउनस्ट्रोक सीखें।
इन स्ट्रोक का अभ्यास ब्रश पेन या किसी भी ऐसे पेन से करें, जो चौड़ाई वाली रेखाएं बना सके। आपको किसी विशेषज्ञ से इसकी कक्षाएं लेनी होंगी।