
लंबे समय तक व्यायाम करने से बढ़ती उम्र का प्रभाव होता है कम, अध्ययन से खुलासा
क्या है खबर?
नियमित व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। यही कारण है कि डॉक्टर से लेकर फिटनेस ट्रैनर व्यायाम के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक व्यायाम करता है तो इससे बढ़ती उम्र का असर कम हो सकता है। यह अध्ययन चीनी अकादमी ऑफ साइंसेज के जूलॉजी संस्थान और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स की संयुक्त टीम द्वारा किया गया है।
अध्ययन
साल 2019 में शुरू किया गया था ये अध्ययन
सेल जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के शोधकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय तक व्यायाम करते रहने से किडनियों में मौजूद TBK1 नामक एंजाइम पर अच्छा असर पड़ता है, जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है। शोधकर्ताओं ने चूहों और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर व्यायाम के प्रभावों की जांच करने के लिए साल 2019 में यह अध्ययन शुरू किया था, जिसके नतीजे आश्चर्यजनक रहे।
व्यायाम
प्रतिभागियों से करवाया गया व्यायाम
इस नतीजे के आधार पर शोधकर्ताओं ने मानव प्रतिभागियों के साथ अपना अध्ययन जारी रखा, जिसमें 13 स्वस्थ पुरुषों को शामिल किया गया। उन प्रतिभागियों को 40 मिनट में 5 किलोमीटर दौड़ना था और फिर 25 दिनों तक नियमित रूप से व्यायाम करना था। इसके बाद शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों से विभिन्न अंतरालों पर खून और मल के नमूने एकत्र किए। इसके साथ ही उन्होंने इन प्रतिभागियों का स्वास्थ्य परीक्षण डेटा भी इकट्ठा किया।
समय
6 साल तक चला ये अध्ययन
प्रतिभागियों द्वारा एकत्र नमूनों का अध्ययन करने और एक शोध ढांचा स्थापित करने के लिए शोधकर्ताओं ने प्लाज्मा प्रोटिओमिक्स विश्लेषण सहित विश्लेषणात्मक तरीकों का इस्तेमाल किया। 6 साल तक चले इस अध्ययन से पता चला कि किडनियों पर व्यायाम का सकारात्मक प्रभाव पड़ा और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया भी धीमी हुई। शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी इस विषय पर और अध्ययन होने की जरूरत है।
अध्ययन
व्यायाम करने से आप बन सकते हैं युवा- अध्ययन
इससे पहले भी एक अध्ययन सामने आया था, जिससे पता चला है कि युवा बने रहने के लिए व्यायाम से अच्छा कोई उपाय नहीं हो सकता। अध्ययन के मुताबिक, व्यायाम करने से साइटोकाइन फैक्टर 1 (CLCF1) नामक एक खास तरह का प्रोटीन उत्पन्न होता है, जो बुढ़ापे के लक्षणों को रोकता है। इस अध्ययन को नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था और इसे दक्षिण कोरिया में पूरा किया गया है।