नर्वस सिस्टम को मजबूती देने में मदद करते हैं ये 5 योगासन, जानें अभ्यास का तरीका
योग दिमाग को शांत रखने के साथ-साथ कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देने में मदद कर सकता है। कुछ योगासन ऐसे भी होते हैं, जिनका नियमित अभ्यास नर्वस सिस्टम (Nervous system) को मजबूती देता है। नर्वस सिस्टम शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करके दैनिक जीवन से जुड़ी कई तरह की गतिविधियों में मदद करता है। आइए आज पांच ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं, जो नर्वस सिस्टम के लिए लाभदायक हैं।
बालासन
इसके लिए योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
वृक्षासन
वृक्षासन के लिए पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़ते हुए सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें। इसके बाद अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
मकरासन
मकरासन करने के लिए पहले योगा मैट पर पेट के बल लेटकर अपने दोनों हाथों को मोड़ें। अब अपने सिर को थोड़ा आगे झुकाकर अपनी ठुड्डी को अपनी दोनों हाथों की हथेलियों पर रखें। इसके बाद सांस भरते हुए अपने दाएं पैर को मोड़ें और फिर सांस को छोड़ते हुए इसे सीधा कर लें। इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी इसी तरह दोहराकर कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
शवासन
शवासन यानी आराम मुद्रा के लिए पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेटकर आंखें बंद कर लें। इस दौरान शरीर एकदम ढीला छोड़ दें। अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें। इसके अलावा पैरों को भी एक-दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें। धीरे-धीरे सांसें लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद दाईं ओर करवट लेकर उठें।
अधोमुख श्वानासन
अधोमुख श्वानासन के लिए योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस स्थिति में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।