भारतीय शास्त्रीय संगीत का पर्याय मानी जाती है वीणा, इसके ये 5 प्रकार हैं सबसे प्रसिद्ध
क्या है खबर?
संगीत की देवी मां सरस्वती के हाथों में जो वाद्य यंत्र विराजमान रहता है, उसे वीणा कहा जाता है। यह शास्त्रीय संगीत का सबसे प्राचीन वाद्य यंत्र है, जिसे तार की मदद से बजाया जाता है।
कई लोग वीणा को सितार कहते हैं, जिसकी मधुर ध्वनि सुनकर मन प्रसन्न हो जाता है। इस वाद्य यंत्र के कई प्रकार होते हैं, जिन्हें अलग-अलग रगों और गीतों के साथ बजाय जाता है।
आइए 5 प्रकार की वीणा के बारे में जानते हैं।
#1
रूद्र वीणा
रुद्र वीणा सबसे बड़े तार वाली वीणा होती है, जो दुनिया की पहली वीणा में से एक मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वीणा भगवान शिव से प्रेरित हो कर बनाई गई थी।
इस प्रकार की वीणा में एक लंबा, खोखला ढांचा होता है, जो सागौन या बांस से बना होता है। इसमें 2 खोखले तुंबे बने होते हैं, जो सूखे या खोखले कद्दू से बनाए जाते हैं।
#2
सागर वीणा
सागर वीणा का निर्माण पाकिस्तान के प्रसिद्ध वकील रजा काजिम ने 1970 में किया था। इसे सगर वीणा भी कहते हैं और यह विचित्र वीणा से प्रेरित है।
उस समय रजा काजिम की बेटी नूर जेहरा इसे बजाने वाली एकलौती संगीतकार हुआ करती थीं। इसमें 2 ड्रोन कॉर्ड और 9 बजाने वाले तार होते हैं।
इसमें चांदी के ट्रांसमीटर और एक साउंडिंग बोर्ड के साथ एक लकड़ी का फट्टा लगा होता है।
#3
सरस्वती वीणा
सरस्वती वीणा प्राचीन वीणा है, जिसका नाम देवी सरस्वती के नाम पर रखा गया है। इसे रघुनाथ वीणा के नाम से भी जाना जाता है, जो कि 1500 के दशक की बताई जाती है।
यह मुख्य रूप से कर्नाटक शास्त्रीय संगीत में उपयोग की जाती है। इसकी लंबाई लगभग 4 फीट होती है, जिसमें कटहल की लकड़ी से बने विशाल खोखले तुंबे लगे होते हैं।
इसकी गर्दन पीतल के 24 फ्रेंड्स और एक ट्यूनिंग बॉक्स से ढकी होती है।
#4
मोहन वीणा
मोहन वीणा एक अनोखी वीणा है, जो देखने में किसी गिटार जैसी लगती है। असल में यह एक हवाईयन गिटार है, जिसे पंडित विश्व मोहन भट्ट द्वारा बनाया गया था।
यह वाद्य यंत्र सितार, सरोद और वीणा की विशेषताओं को एक साथ जोड़ता है। इसमें 19 तार होते हैं, जिनमें 3 मुख्य तार, 4 ड्रोन तार और 12 सहानुभूति तार शामिल होते हैं।
इसकी मदद से पंडित विश्व मोहन ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व प्रसिद्ध कर दिया था।
#5
विचित्र वीणा
विचित्र वीणा प्राचीन एकतंत्री वीणा का आधुनिक रूप है, जिसे अक्सर बट्टा वीणा के नाम से भी जाना जाता है। इस वीणा में एक लंबी और बिना फ्रेड वाली लकड़ी का भाग लगा होता है, जिस पर तार बंधे होते हैं।
इसे बजाने के लिए दाहिने हाथ की मध्यमा और तर्जनी उंगलियों में एक छोटा प्लेक्ट्रम पहना जाता है और उसी की मदद से तारों को छेड़ा जाता है।
यह वीणा इंसानों के गुनगुनाने (हमिंग) जैसी आवाज उत्पन्न करती है।