
क्या अमेरिकी टैरिफ से भारत में सस्ती हो सकती हैं कुछ चीजें?
क्या है खबर?
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ आज से लागू हो गए हैं। इसकी चपेट में भारत से अमेरिका को किया जा रहा 70 प्रतिशत निर्यात आएगा। सबसे ज्यादा असर कपड़ा, रत्न, आभूषण, फर्नीचर और झींगे के निर्यात पर पड़ने की संभावना है। अब जब इन वस्तुओं का अमेरिका को निर्यात करना लाभदायक नहीं रहा, तो क्या ये भारतीय बाजार में सस्ती हो जाएंगी। आइए इससे जुड़ी जटिलताएं समझते हैं।
चर्चा
क्यों हो रही हैं चीजों के सस्ता होने की चर्चा?
आसान भाषा में समझें तो अगर किसी चीज को बाहर नहीं भेजा जा रहा है, तो घरेलू बाजार में उसकी अधिकता हो सकती है। ऐसे में सामान्य बात है कि इन चीजों की कीमतें कम हो सकती है। चूंकि, भारत अमेरिका को भारी मात्रा में रत्न, कपड़े, जूते, झींगे समेत कई सामान भेजता है। टैरिफ के बाद इनकी कीमत अमेरिकी बाजार में बढ़ जाएगी। इस वजह से चर्चाए हैं कि ये घरेलू बाजार में सस्ती हो सकती हैं।
जटिलताएं
क्या सस्ती होंगी चीजें?
इसको लेकर कई जटिलताएं हैं। दरअसल, अमेरिका भेजी जाने वाली ज्यादातर वस्तुओं पर मार्जिन कम होता है, इसलिए इन्हें भारतीय बाजार में बेचना लाभदायक नहीं है। चूंकि, इन्हें भारी मात्रा में निर्यात किया जाता है, इसलिए कम मार्जिन के बावजूद निर्यातकों को मुनाफा हो जाता है। इसके अलावा निर्यात किए जाने वाला सामान गंतव्य देश के मानकों के अनुरूप होता है। इनकी विशिष्टताएं और गुणवत्ता आमतौर पर अच्छी होती है। इसलिए चीजें सस्ती होने दूर की कोड़ी है।
चुनौतियां
और क्या हैं चुनौतियां?
भारतीय बाजार में इन उत्पादों की मांग और लोगों की खर्च करने की क्षमता समेत कई पाबंदियां भी हैं। इससे अच्छा है कि निर्माता भारत में बेचने की कोशिश करने के बजाय यूरोपीय संघ या खाड़ी देशों जैसे अन्य संभावित बाजारों में अपना माल को पहुंचाएं। बड़े व्यापारी अपने माल का स्टॉक कर सकते हैं, लेकिन छोटे व्यापारियों के पास इस तरह के विकल्प कम हैं। इनके सामने कर्ज चुकाने या कर्मचारियों को वेतन देने जैसी चुनौतियां हैं।
रोजगार
रोजगार पर असर पड़ना तय
टैरिफ से चीजें सस्ती होने की संभावना बेहद कम है। इसके उलट, टैरिफ का रोजगार से लेकर व्यापार तक पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। दरअसल, निर्यात क्षेत्र में भारत को सबसे बड़ा फायदा ये है कि देश में श्रम सस्ता है। इसके चलते अमेरिका में भारत से आयातित सामान अमेरिका में बने सामान की तुलना में सस्ता होता है, क्योंकि श्रम की लागत वहां निर्माण लागत को बढ़ा देती है।
तरीके
टैरिफ से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है सरकार?
सरकार ने कहा है कि अमेरिका से व्यापार समझौते पर बातचीत अभी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कह चुके हैं कि सरकार किसानों के मामले पर कोई समझौता नहीं करेगी। खबर है कि भारत अमेरिका से तेल आयात बढ़ा सकता है और लड़ाकू विमान के लिए सौदा भी कर सकता है। वाणिज्य मंत्रालय इस हफ्ते अलग-अलग क्षेत्र के निर्यातकों के साथ बैठक करने जा रहा है। इसमें बाजार विस्तार और तात्कालिक राहत उपायों पर चर्चा हो सकती है।