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अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत के कौन-से क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे?
अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत के 5 क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे

अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ से भारत के कौन-से क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे?

Aug 26, 2025
07:41 pm

क्या है खबर?

अमेरिका ने मंगलवार को भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने को लेकर को सार्वजनिक अधिसूचना जारी कर दी है। नए शुल्क 27 अगस्त की रात 12:01 बजे से लागू होंगे। इससे अब अमेरिका जाने वाले भारतीय सामानों पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा (CBP) के जरिए होमलैंड सुरक्षा विभाग ने यह नोटिस जारी किया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस टैरिफ से भारत के कौन-से क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।

अधिसूचना

अधिसूचना में क्या कहा गया है?

होमलैंड सुरक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ अमेरिकी समयानुसार 27 अगस्त की रात 12:01 बजे से लागू होगा। यह शुल्क राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 6 अगस्त को हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश को लागू करेगा। इस अधिसूचना से अमेरिका ने साफ किया गया है कि यह कदम भारत पर रूस से तेल की भारी खरीदारी के जवाब में लगाया गया है। इससे पहले ट्रंप ने 1 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था।

#1

कपड़ा उद्योग पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

भारत के कुल निर्यात में कपड़ा (रेडीमेड गारमेंट्स को छोड़कर) का योगदान लगभग 26 प्रतिशत है। अमेरिका कपड़ा और परिधान निर्यात के लिए भारत का सबसे बड़ा बाजार है। भारत हर साल अमेरिका को 10.3 अरब डॉलर (लगभग 89,600 करोड़ रुपये) मूल्य के वस्त्र और परिधान निर्यात करता है। ऐसे में बढ़े हुए टैरिफ से कपड़ा उद्योग सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (CITI) ने टैरिफ के संभावित प्रभाव से बेहद चिंतित है।

बयान

CITI ने क्या दिया बयान?

CITI ने कहा, "6 अगस्त को अमेरिका द्वारा की गई टैरिफ घोषणा भारत के कपड़ा और परिधान निर्यातकों के लिए एक बड़ा झटका है। इससे हमारे सामने पहले से ही चुनौतीपूर्ण स्थिति और जटिल हो गई है। अब इसके लागू होने से अमेरिकी बाजार में बड़े हिस्से के लिए अन्य देशों के साथ प्रभावी प्रतिस्पर्धा करने की हमारी क्षमता भी कमजोर हो जाएगी। ऐसे में सरकार को कच्चे कपास के आयात पर 11 प्रतिशत शुल्क को समाप्त कर देना चाहिए।"

#2

रत्न और आभूषण क्षेत्र पर भी पड़ेगा असर

अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित होने वाला दूसरा बड़ा क्षेत्र रत्न और आभूषण उद्योग हो सकता है। भारत ने पिछले साल अमेरिका को 9.2 अरब डॉलर (लगभग 80,000 करोड़ रुपये) मूल्य के रत्न और आभूषणों का निर्यात किया था। भारत के कुल रत्न निर्यात में अमेरिका का लगभग 33 प्रतिशत हिस्सा है। रत्न उद्योग पूरे भारत में लाखों लोगों को रोजगार देता है। टैरिफ से पॉलिश किए हुए हीरों का क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है।

बयान

हीरों का निर्यात हो जाएगा मुश्किल

अपने 90 प्रतिशत हीरे जड़ित आभूषण अमेरिका को बेचने वाले क्रिएशन ज्वैलरी के आदिल कोटवाल ने BBC से कहा, "निर्यात में हमारा मुनाफा बहुत कम है। 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी हीरे को अमेरिका भेजना असंभव बना देता है। ऐसे में 50 प्रतिशत का टैरिफ कौन झेल पाएगा? यहां तक कि अमेरिकी खुदरा विक्रेता भी ऐसा नहीं कर पाएंगे।" बता दें कि अमेरिका भेजे जाने वाले शिपमेंट रुकने से पूरे उद्योग में नौकरियां चली गई हैं।

#3

समुद्री भोजन पर क्या पड़ेगा असर?

भारत हर साल अमेरिका को 60,000 करोड़ रुपये मूल्य का समुद्री भोजन भेजता है, जिसमें अधिकतर झींगा (20,000 करोड़ रुपये) होता है। भारतीय झींगे पर कुल टैरिफ अब 60 प्रतिशत हो गया है। इस टैरिफ के कारण समुद्री खाद्य निर्यात घटकर 24,000 करोड़ रुपये का रह सकता है। कोलकाता स्थित समुद्री भोजन निर्यातक मेगा मोडा के एमडी योगेश गुप्ता ने कहा कि अब अमेरिकी बाजार में भारत का झींगा और भी महंगा हो जाएगा।

जानकारी

भारत को पहले से ही इक्वाडोर से मिल रही थी प्रतिस्पर्धा

गुप्ता ने कहा, "हमें पहले ही इक्वाडोर से भारी प्रतिस्पर्धा मिल रही है क्योंकि वहां केवल 15 प्रतिशत टैरिफ है। भारतीय झींगे पर पहले से ही 2.49 प्रतिशत एंटी-डंपिंग और 5.77 प्रतिशत काउंटरवेलिंग शुल्क लगता है। टैरिफ बढ़ने से स्थिति और बिगड़ जाएगी।"

#4

इस्पात और रसायन क्षेत्र पर भी होगा असर

भारत ने 2024 में अमेरिका को 48.82 करोड़ डॉलर (लगभग 4,245 करोड़ रुपये) मूल्य के लौह एवं इस्पात उत्पादों का निर्यात किया था। भारत हर साल अमेरिका को 1 लाख मीट्रिक टन इस्पात भेजता है, जो उसके वार्षिक इस्पात उत्पादन 14.5 करोड़ मीट्रिक टन का छोटा सा अंश है। भारत हर साल अमेरिका को 2.34 बिलियन डॉलर (19,500 करोड़ रुपये) मूल्य के रसायन भी भेजता है। अमेरिका ने कार्बनिक रसायनों पर 54 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है।

#5

ऑटो क्षेत्र भी होगा प्रभावित

नई दिल्ली के ऑटो पार्ट्स निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी सिर्फ 3.5 प्रतिशत है। हालांकि, भारत हर साल अमेरिका को 61,000 करोड़ रुपये के ऑटो पार्ट्स भेजता है। इन टैरिफ का अमेरिका को गियरबॉक्स और ट्रांसमिशन पार्ट्स भेजने वालों पर व्यापक असर पड़ेगा। यह भारत के ऑटो पार्ट्स निर्यात का 25 प्रतिशत है। अमेरिका में गियरबॉक्स और ट्रांसमिशन पार्ट्स के बाजार में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक है।

जानकारी

फार्मा कंपनियों पर क्या पड़ेगा असर? 

भारत अपने दवा निर्यात का लगभग 35 प्रतिशत अमेरिका को भेजता है। कई अमेरिकी कंपनियां भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित जेनेरिक दवाओं पर निर्भर हैं। हालांकि, इन्हें टैरिफ से छूट है, लेकिन व्यापारी स्थिति बदलने को लेकर चिंतित है।