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कौन हैं संध्या माझी, जो बनी है ओडिशा की पहली सरकारी महिला चालक?
ओडिश की परिवहन सचिव उषा पाधी की सरकारी चालक बनी संध्या माझी (बाएं)

कौन हैं संध्या माझी, जो बनी है ओडिशा की पहली सरकारी महिला चालक?

Jul 14, 2025
04:06 pm

क्या है खबर?

ओडिशा के मयूरभंज जिले की 45 वर्षीय महिला संध्या रानी माझी ने लैंगिग भेदभाव को तोड़कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। वह ओडिशा में सरकारी चालक के रूप में कार्य करने वाली पहली महिला बन गई हैं। उनका सरकारी चालक बनना इस बात का प्रमाण है कि जब महिलाओं को अवसर और सम्मान दिया जाता है, तो वे दृढ़ता और गर्व के साथ आगे बढ़ती हैं। आइए जानते हैं आखिरी संध्या माझी कौन हैं।

परिचय

कौन हैं संध्या माझी?

मयूरभंज जिले के सुलेईपत गांव निवासी संध्या की यात्रा दृढ़ संकल्प और साहस से भरी रही है। वह बचपन से भारतीय सेना या नौसेना में करियर बनाना चाहती थीं, लेकिन कई प्रयासों के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। ऐसे में स्नातक की पढ़ाई करने वाली संध्या ने ड्राइविंग के अपने जुनून को आगे बढ़ाने और इसमें अपना करियर बनाने का फैसला किया। हालांकि, पारिवारिक स्थित को देखते हुए उन्होंने अन्य अंशकालिक नौकरियां भी की थी।

शुरुआत

संध्या ने शादी के बाद शुरू किया वाहन चलाना 

संध्या ने PTI से कहा, "भारतीय सेना में चयन न होने के बाद मैने साल 2005 में मयूरभंज जिले के ही जशीपुर गांव निवासी राम राय माझी से शादी कर ली थी। वह खुद एक चालक हैं।" उन्होंने कहा, "शादी के बाद मेरे पति ने मेरे लिए स्तंभ का काम किया और मुझे कार चलाना सिखाया। उन्होंने मेरे लिए एक सेकंड-हैंड नैनो कार भी खरीद कर दे दी। उसके बाद मैने खुद कार चलाना शुरू कर दिया था।"

लाइसेंस

संध्या ने 2011 में हासिल किया था LMV लाइसेंस

संध्या ने बताया कि उन्होंने साल 2011 में अपना हल्का मोटर वाहन (LMV) लाइसेंस हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने राज्य परिवहन प्राधिकरण के तहत जाजपुर जिले के छतिया ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण पूरा कर साल 2023 में भारी मोटर वाहन (HMV) लाइसेंस प्राप्त कर लिया। उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही कारों और ड्राइविंग की शौकीन रही हैं। उन्होंने पहले बाइक चलाई और फिर कार चलाकर अपना सपना पूरा किया।

नौकरी

संध्या को कैसे मिली सरकारी चालक की नौकरी?

संध्या ने PTI से कहा, "मुझे पिछले महीने छतिया ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से फोन आया और कहा कि मानव संसाधन एवं शहरी विकास मंत्रालय में चालक का पद खाली है। इस पर मैने तत्काल हामी भर दी और आवेदन कर दिया। परीक्षण के बाद मेरा चयन हो गया और 25 जून मैंने परिवहन सचिव उषा पाधी के चालक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया।" उन्होंने कहा, "इस नौकरी ने मेरा जुनून पूरा करने में मदद की है।"

संघर्ष

संध्या ने चालक बनने से पहले किया संघर्ष

संध्या ने बताया कि छतिया ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से जुड़ने के बाद उन्हें कुछ समय के लिए जापान में भी बतौर चालक काम करने का मौका मिला था। वहां सब सही चल रहा था, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उन्हें वापस आने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने पति का सहयोग करने के लिए भुवनेश्वर में स्थित एक ब्यूटी पार्लर में भी काम किया, लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वह चालक बन गईं।

तारीफ

उपमुख्यमंत्री ने दी संध्या को बधाई

उपमुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी प्रावती परिदा ने एक्स पर लिखा, 'मैं ओडिशा की पहली महिला सरकारी ड्राइवर संध्या रानी को हार्दिक बधाई देती हूं। परिवहन विभाग की पहल सराहनीय है। महिला सशक्तिकरण में एक नया अध्याय जुड़ गया है।' इसी तरह परिवहन सचिव पाधी ने लिखा, 'संध्या रानी की साहसिक यात्रा ने लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ दिया है और ओडिशा में अनगिनत महिलाओं के लिए बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त किया है।"