संचार साथी ऐप आपके फोन पर क्या-क्या अनुमतियां मांगेगा?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने ऐपल, सैमसंग, ओप्पो, वीवो और शाओमी जैसी कंपनियों के लिए संचार साथी ऐप को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देश के अनुसार, सभी नए स्मार्टफोन में यह ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए और पुराने फोन में इसे सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए भेजना होगा। सरकार का कहना है कि कंपनियों को 90 दिनों में नियम लागू कर 120 दिनों में अपनी रिपोर्ट जमा करनी होगी, ताकि साइबर धोखाधड़ी को कम किया जा सके।
अनुमति
संचार साथी ऐप किन-किन अनुमतियों की करता है मांग?
संचार साथी ऐप इंस्टॉल होने के बाद यूजर्स से कई जरूरी अनुमतियां मांगता है, ताकि उसकी सेवाएं सही तरह से काम कर सकें। ऐप कॉल लॉग देखने, SMS पढ़ने और भेजने, नोटिफिकेशन एक्सेस, कैमरा उपयोग और फोन कॉल की जानकारी प्राप्त करने की अनुमति लेता है। इसके अलावा, इसे इंटरनेट की भी जरूरत होती है, ताकि चोरी हुए फोन की लोकेशन, फ्रॉड रिपोर्ट और IMEI से जुड़ी जानकारी सर्वर पर भेजी जा सके।
अन्य
ऐप क्यों जरूरी बताया जा रहा?
सरकार का कहना है कि नकली और बदले हुए IMEI नंबर साइबर सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं, क्योंकि ऐसे फोन कई जगह एक साथ सक्रिय पाए जाते हैं। संचार साथी ऐप खोए या चोरी हुए फोन को ब्लॉक कराने, फ्रॉड कॉल और मैसेज की शिकायत करने और अपने नाम पर जारी मोबाइल कनेक्शन चेक करने में मदद करता है। यह ऐप सेकंड-हैंड फोन बाजार में भी लोगों को धोखाधड़ी से बचाने में बेहद उपयोगी होगा।