#NewsBytesExplainer: गुजरात में भारी बारिश, क्यों बाढ़ की चपेट में है राज्य?
गुजरात में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से अब तक 28 लोगों की जान जा चुकी है। पिछले 3 दिनों में 30,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया है। राज्य की कई सड़कें बंद हैं, ज्यादातर डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं, नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और कई रहवासी इलाके टापू बन चुके हैं। आइए जानते हैं गुजरात में बाढ़ की वजह क्या है।
सबसे पहले जानिए गुजरात में कैसा रहता है मानसून
गुजरात कर्क रेखा पर स्थित है इसलिए यहां की जलवायु उष्णकटिबंधीय शुष्क है। यहां ज्यादातर बारिश जून से सितंबर के दौरान होती है। इस दौरान यहां दक्षिण-पश्चिम मानसून की अरब सागर शाखा से बारिश होती है, जो हिंद महासागर के ऊपर बहते हुए नमी इकट्ठा करती है। राज्य में लगातार तीसरे साल 100 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई है। इस साल अब तक औसत से करीब 32 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है।
गुजरात में इतने क्यों बरस रहे बादल?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि राज्य में भारी बारिश का कारण कम दबाव का क्षेत्र है, जो मध्य प्रदेश से राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात की ओर बढ़ रहा है। आमतौर पर बंगाल की खाड़ी में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ता है, जो बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जाता है, लेकिन इस बार ये मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान होते हुए पश्चिम की तरफ जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन की वजह से आ रही बाढ़?
निजी मौसम विज्ञान एजेंसी स्काईमेट के महेश पालावत ने कहा, "जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी वजह है। इससे राज्यों के ऊपर बारिश का पैटर्न बदला है। इस साल बंगाल की खाड़ी के ऊपर 4 कम दबाव के क्षेत्र और 2 डिप्रेशन बने। इन सबने उत्तर-पश्चिमी मार्ग के बजाय पश्चिम मार्ग पकड़ा ऐसा सिर्फ इस साल नहीं, पिछले 4-5 साल से हो रहा है। बढ़ता तापमान ही बारिश के पैटर्न को बदल रहा है।"
क्या बदल रहा है बारिश का पैटर्न?
अमर उजाला से बात करते हुए मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अनुराग कहते हैं, "डेढ़-2 दशक पहले तक बारिश 4 महीने के दौरान होती थी। यानी मानसून में पूरे वक्त में रिमझिम बारिश हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदल गया है। इसकी प्रमुख वजह जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ मौसम में प्रदूषण के चलते नमी की असमानता भी है। इसका असर केरल के एलेप्पी में देखने को मिला था, जब कुछ घंटे में ही पूरे मानसून की बारिश हो गई थी।"
आगे भी ऐसा ही रहेगा मानसून?
मौसम वैज्ञानिक आलोक सिन्हा ने कहा, "गुजरात में जिस तरीके से भटकी हुई हवाओ ने कम दबाव के क्षेत्र के चलते हालात बिगाड़ दिए वह आगे भी देखे जा सकते हैं। बदली हुई हवाएं कम दबाव के क्षेत्र को आने वाले दिनों में भी उथल-पुथल करती रहेंगी।" सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के रिसर्चर अक्षत गोयल कहते हैं, "यह पहले से तय था कि अल नीनो की समाप्ति और ला नीना की शुरुआत के दौरान इस तरह के हालात बनेंगे।"
गुजरात में बाढ़ से कितने खराब हैं हालात?
भारी बारिश से गुजरात में 939 सड़कें बंद हैं और 238 तहसीलें बाढ़ की चपेट में हें। राज्य में NDRF, SDRF के अलावा सेना की 6 टुकड़ियां राहत और बचाव में जुटी हैं। वंदे भारत समेत 90 से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात कर हालात का जायजा लिया है। IMD ने अगले 2 दिन और बारिश का अलर्ट जारी किया है।