
टैरिफ से निपटने की कोशिशें; बढ़ सकती है अमेरिकी तेल खरीद, निर्यातकों संग बैठक करेगी सरकार
क्या है खबर?
आज से भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लागू हो गए हैं। इससे कपड़े, आभूषण, रत्न और रसायन समेत देश के कई उद्योगों पर असर पड़ेगा। अमेरिका को होने वाले कुल 5.4 लाख करोड़ रुपये के भारतीय निर्यात का एक बड़ा हिस्सा इन टैरिफ से प्रभावित होगा। इस असर को कम करने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों के साथ चर्चा के लिए कई बैठकें करने जा रहा है।
रिपोर्ट
2-3 दिन में बैठक करेगा मंत्रालय
समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, स्थिति पर चर्चा के लिए वाणिज्य मंत्रालय इस हफ्ते अलग-अलग क्षेत्रों के निर्यातकों के साथ बैठक करने जा रहा है। मामले से जानकार एक अधिकारी ने कहा, "अगले 2-3 दिन में मंत्रालय निर्यात में विविधता लाने के लिए अलग-अलग हितधारकों के साथ चर्चा करेगा।" इसका उद्देश्य हर क्षेत्र की चुनौतियों का आकलन करना और संभावित बाजारों की पहचान करना है, ताकि उद्योगों को अमेरिकी टैरिफ के असर से बचने में मदद मिल सके।
तेल
अमेरिका से तेल खरीद बढ़ा सकता है भारत
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा है कि भारत अमेरिका से ऊर्जा खरीद बढ़ाने पर विचार कर रहा है, लेकिन रूस से तेल खरीद कम नहीं होगी। एक सरकारी सूत्र ने कहा, "भारत को उम्मीद है कि अमेरिका रूस से तेल खरीद के चलते भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ की समीक्षा करेगा।" सूत्र ने बताया कि सरकार अन्य देशों को निर्यात बढ़ाने के लिए निर्यातकों के साथ बातचीत कर रही है और वित्तीय सहायता भी दे सकती है।
कमी
70 प्रतिशत तक घट सकता है निर्यात
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ से श्रम-प्रधान उद्योगों से निर्यात में 70 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है, जिससे हजारों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। GTRI का कहना है कि फिलहाल दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र पर इतना असर नहीं होगा, लेकिन कपड़ा, आभूषण, झींगा और हस्तशिल्प जैसे अन्य क्षेत्रों को भारी नुकसान हो सकता है। कई क्षेत्र ऐसे हैं, जिन पर कुल टैरिफ 60 प्रतिशत के आसपास चला गया है।
टैरिफ
कई क्षेत्रों पर टैरिफ 50 प्रतिशत से ज्यादा हुआ
भारत के समुद्री भोजन निर्यात का लगभग एक तिहाई अमेरिका को जाता है। इस पर अब प्रभावी टैरिफ बढ़कर 58.56 प्रतिशत हो गया है। भारत के कुल जैविक रसायन निर्यात का 13.2 प्रतिशत अमेरिका को जाता है। इस पर अब 54 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया है। इसके अलावा फर्नीचर पर प्रभावी टैरिफ 52.9 प्रतिशत, बुने हुए परिधानों पर 63.9 प्रतिशत, गैर-बुने हुए परिधानों पर 60.3 प्रतिशत हो गया है।
महासंघ
निर्यातक महासंघ ने भी दी चेतावनी
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (FIEO) ने चेतावनी दी कि टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा झटका होगा। FIEO के अध्यक्ष एससी रल्हन ने NDTV से कहा, "तमिलनाडु के तिरुपुर जैसे कपड़ा केंद्रों में उत्पादन पहले ही रुक चुका है। झींगा निर्यातक, जिनकी 40 प्रतिशत बिक्री अमेरिका में होी है, उनको भारी नुकसान हो रहा है।" उन्होंने सरकार से ऋण चुकाने पर 12 महीने की रोक और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों में तेजी लाने का आग्रह किया।