
अमेरिका ने भारत पर लागू किया 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ, जानिए निर्यात पर क्या होगा असर
क्या है खबर?
अमेरिका ने मंगलवार को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार भारतीय समयानुसार मंगलवार सुबह 9:31 मिनट से भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया है। अब भारतीय सामानों पर लगने वाला कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त को 25 प्रतिशत टैरिफ पहले ही लागू कर दिया था। हालांकि, भारत अभी भी अपने रुख पर बरकरार है। आइए जानते हैं कि टैरिफ बढ़ोतरी से भारतीय निर्यात पर क्या असर पडेगा।
असर
भारतीय निर्यात पर पड़ेगा बड़ा असर
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ से 60.2 अरब डॉलर (लगभग 5.23 लाख करोड़ रुपये) मूल्य के भारतीय निर्यात पर बड़ा असर पड़ेगा। कपड़ा, रत्न, आभूषण, झींगा, कालीन और फर्नीचर जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में निर्यात में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे लाखों श्रमिक प्रभावित होंगे। GTRI की माने तो ये टैरिफ भारत से अमेरिका को होने वाले करीब 66 प्रतिशत निर्यात पर असर डालेगा।
गिरावट
भारतीय निर्यात में कितनी आ सकती है गिरावट?
GTRI के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत से अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर (लगभग 7.25 लाख करोड़ रुपये) मूल्य की वस्तुओं के निर्यात की संभावना है और अगर यह टैरिफ लागू रहता है तो वित्त वर्ष 2026-27 में निर्यात गिरकर 49.6 अरब डॉलर (4.31 लाख करोड़ रुपये) ही रह सकता है। इसका भारत को बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि चीन, वियतनाम और मेक्सिको जैसे प्रतिस्पर्धी देश अमेरिकी बाजार में इस अंतर का लाभ उठा सकते हैं।
रिपोर्ट
मूडीज की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
मूडीज एनालिटिक्स के एक विश्लेषण में चेतावनी दी गई है कि भारतीय वस्तुओं पर नए अमेरिकी टैरिफ से निर्यात की मांग में भारी कमी आएगी। रिपोर्ट के अनुसार, टैरिफ से यूरोप और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कुछ कंपनियां बिक्री की मात्रा बनाए रखने के लिए कीमतों में कटौती कर सकती हैं, लेकिन ऐसा करने से मुनाफा कम हो सकता है, वेतन वृद्धि सीमित हो सकती है और निवेश कम हो सकता है।
प्रभाव
टैरिफ बढ़ोतरी से भारत-अमेरिका के संबंध भी होंगे प्रभावित
टैरिफ बढ़ोतरी व्यापक रणनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकती है। अमेरिका लंबे समय से क्वाड जैसी पहलों के माध्यम से भारत को अपने करीब लाने का लक्ष्य रखता रहा है। यह ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ मिलकर चीन का मुकाबला करने के लिए बनाया गया एक सुरक्षा समूह है। इस साल की शुरुआत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी क्वाड के रक्षा और सुरक्षा फोकस को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की थी।
रुख
भारत के रुख में नहीं आया बदलाव
राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर ये टैरिफ लगाया है, लेकिन भारत पर अभी तक इसका असर नहीं दिख रहा है। भारत ने अभी तक रूस से तेल खरीद पर कोई निर्देश जारी नहीं किया है। रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने अमेरिकी टैरिफ के बावजूद सबसे अच्छे सौदे वाले स्रोतों से तेल खरीदने की बात कही है। इससे साफ है कि ट्रंप की टैरिफ योजना भी भारत का रुख नहीं बदल पाई है।