गरीबों के घर जलाने वालों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल जरूरी- शिवराज सिंह चौहान
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के खरगौन में रामनवमी पर निकाली गई शोभायात्रा में भड़की हिंसा के मामले में सरकार लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है।
अब तक 100 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी के अलावा उनकी 50 से अधिक अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाया गया है। विपक्ष लगतार इसका विरोध कर रहा है।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई को जायज ठहराते हुए कहा है कि गरीबों के घर जलाने वालों पर बुलडोजर का इस्तेमाल जरूरी है।
सवाल
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से किए तीखे सवाल
राज्य के महू में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने सरकार की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा, "क्या गरीबों के घर जलाने वालों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए? दिग्विजय सिंह को इसमें भी दर्द होता है कि कार्रवाई कैसे हो गई।"
उन्होंने आगे कहा, "सोशल मीडिया पर झूठे फोटो पोस्ट कर रहें हैं पता नहीं कहां-कहां झंडा लगा दिया और बता दिया कि मध्यप्रदेश में लगा है। अरे झूठों कुछ तो शर्म करो।"
दावा
"राज्य में गुंडों और अपराधियों को नहीं रहने दिया जाएगा"
मुख्यमंत्री ने कहा, "कुछ लोग आग लगाना चाहते हैं लोगों को भड़काकर शांति भंग करना चाहते हैं। मैं फिर कह रहा हूं कि किसी भी जात, पात, धर्म, किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। भाजपा सरकार जनता के लिए फूल से भी नरम है और सभी को सम्मान और सुरक्षा देती है, लेकिन हम राज्य में गुंडों और अपराधियों को नहीं रहने देंगे।"
उन्होंने कहा, "दिग्गी राजा तुम कुछ भी कर लो, आरोपियों को तो तुम नहीं बचा सकते।"
वादा
"मामा बनवाएगा गरीबों के घर"
मुख्यमंत्री ने कहा, "सारे त्योहार धूमधाम और उत्साह से मनाएं, लेकिन सामाजिक सद्भाव और भाईचारा कायम रखिए। आने वाले समय में हनुमान जयंती हो, गुड फ्राइडे हो, ईद हो प्रेम से भाई चारे से मनाइए, सरकार सबके साथ है।"
उन्होंने कहा, "जिन्होंने घर जलाये हैं उनके खिलाफ़ कार्रवाई होगी, लेकिन जिनके घर जले हैं, वो चिंता न करें, मामा फिर से घर बनवाएगा। अभी तो हम करेंगे, लेकिन बाद में आरोपियों से वसूल करूंगा, छोडूंगा नहीं।"
पृष्ठभूमि
खरगौन में कैसे भड़की थी हिंसा?
खरगौन में रामनवमी पर तलब चौक से शोभायात्रा निकाली गई थी। उस दौरान लाउडस्पीकर पर बज रहे गानों को लेकर समुदाय विशेष के लोगों से विवाद हो गया था।
उसके बाद असमाजिक तत्वों ने शोभायात्रा पर पथराव किया और कई जगहों पर आग लगा दी थी। इससे निपटने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।
इस हिंसा में पुलिस अधीक्षक (SP) सिद्धार्थ चौधरी समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।
कार्रवाई
प्रशासन ने आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर चलाया बुलडोजर
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 95 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा आरोपियों की 50 से अधिक अवैध संपत्तियों को चिन्हित कर उन पर बुलडोजर चला दिया। इनमें दुकान और मकान शामिल है।
अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों ने इन संपत्तियों का निर्माण सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर किया था। ऐसे में सभी को नोटिस देकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है। कार्रवाई लगातार जारी है।
जानकारी
नुकसान की वसूली के लिए गठित किया दावा न्यायाधिकरण
सरकार ने हिंसा में सार्वजनिक और निजी संपत्ति के नुकसान की आरोपियों से भरपाई के लिए सार्वजनिक और निजी संपत्ति वसूली अधिनियम पारित किया है। इसके लिए सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश शिवकुमार मिश्रा की अध्यक्षता में दावा न्यायाधिकरण का गठन भी किया गया है।
विरोध
विपक्ष कर रहा है सरकार की कार्रवाई का विरोध
मध्य प्रदेश सरकार की ओर से आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर चलाए गए बुलडोजर को लेकर सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने ट्वीट किया था, 'महंगाई और बेरोजगारी ने देश की जनता को थका दिया है। इन समस्याओं पर सरकार को बुलडोजर चलाना चाहिए, लेकिन भाजपा के बुलडोजर से नफरत और दहशत फैली हुई है।'
इसी तरह दिग्विजय सिंह ने कार्रवाई को धर्म के आधार पर किया जाना बताया था।
विरोध
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं है बुलडोजर चलाने का अधिकार- गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "कई राज्यों में रामनवमी पर दंगे भड़क गए, आग लग गई, आज उनके मकान तोड़े जा रहे हैं। यह अधिकार तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पास भी नहीं होता है कि बिना तफ्तीश और दोषी ठहराए हुए आप किसी का मकान तोड़ दो। कानून के राज से देश चलता है और ये संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कई निर्दोषों पर भी कार्रवाई हुई होगी। उन पर क्या बीत रही होगी।"