सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने से इनकार किया
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट मामले की सुनवाई अब 21 मार्च को करेगा। बता दें कि कल ही केंद्र सरकार ने ज्ञानेश कुमार और बलविंदर संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। नए कानून के तहत हुई इन नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश एजी मसीह की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
क्या है मामला?
सरकार ने पिछले साल पारित किए गए चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें एवं कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के तहत 2 चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की है। इस अधिनियम के जरिए सरकार ने चुनाव आयुक्तों को नियुक्त करने के लिए बनी समिति में बदलाव किए हैं। पहले समिति में देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भी होते थे, जिनकी जगह अब एक कैबिनेट मंत्री को रखा गया है। समिति से CJI को हटाने को लेकर सारा विवाद है।
कोर्ट ने कानून पर तत्काल रोक लगाने से भी किया था इनकार
इसी साल जनवरी और फरवरी में अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़े नए कानून के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हम इस पर रोक नहीं लगाएंगे, क्योंकि यह एक वैधानिक प्रावधान है। हालांकि, कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर मामले की समीक्षा करने पर सहमति व्यक्त की थी।
कौन हैं 2 नए चुनाव आयुक्त?
ज्ञानेश 1988 बैच के केरल कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। वे कुछ दिन पहले सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे गृह मंत्रालय में कश्मीर संभाग के संयुक्त सचिव थे। संधू 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के IAS अधिकारी हैं। उन्हें जुलाई, 2021 में ओम प्रकाश की जगह उत्तराखंड का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। वे उच्च शिक्षा विभाग में भी काम कर चुके हैं।
कल होगा लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर विवाद के बीच कल (16 मार्च) को चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। दोपहर 3 बजे आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावी कार्यक्रम की जानकारी देगा। बता दें कि अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव के साथ 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में 7 चरणों में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं।