कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामला खारिज किया
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज 2018 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच नहीं हो सकेगी।
कोर्ट ने कहा कि IPC के तहत 120B स्वतंत्र अपराध बन सकता है, जिससे प्रवर्तन निदेशालय (ED) PMLA लागू कर सके और इस पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही फैसला कर चुका है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2017 में शिवकुमार के घर से आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान काफी संपत्ति बरामद हुई थी। आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद ED ने भी जांच शुरू कर दी।
ED की जांच के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार से प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी।
इसके बाद मामला दर्ज कर शिवकुमार को सितंबर, 2019 में गिरफ्तार किया गया। हालांकि, एक महीने बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उनको जमानत दे दी थी।
बयान
कर्नाटक हाई कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
2019 में शिवकुमार ने ED की कार्यवाही को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिसे अस्वीकार किया गया, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
गिरफ्तारी के बाद शिवकुमार ने भाजपा पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि शिवकुमार के खिलाफ PMLA के तहत शुरू की गई कार्यवाही कानून और नियम सम्मत नहीं है।