कंप्यूटर इंटरसेप्ट केसः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में मांगा जवाब
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने पिछले महीने 10 एजेंसियों को कंप्यूटर प्रणालियों को इंटरसेप्ट करने, उन पर नजर रखने और उनके आंकड़ों का विश्लेषण करने की अनुमति दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आज केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को छह सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया है।
आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
मामला
क्या था मामला
गृह मंत्रालय ने 20 दिसंबर, 2018 को एक आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक सुरक्षा से जुड़ी 10 केंद्रीय एजेंसियां देश में चल रहे हर कंप्यूटर का डाटा देख सकती है।
आदेश के मुताबिक, ये एजेंसियां इंटरसेप्शन, मॉनिटरिंग और डिक्रिप्शन के लिए किसी भी नागरिक के कंप्यूटर में जनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए डाटा को देख सकती हैं।
गृह मंत्रालय ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऐक्ट के सेक्शन 69 (1) के तहत एजेंसियों को यह अधिकार दिया है।
जानकारी
इन एजेंसियों को मिला है हक
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), प्रवर्तन निदेशालय (ED), सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT), डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI), सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेश (CBI), नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (R&AW), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस।
जनहित याचिका
जनहित याचिका में क्या मांग की गई है?
केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ वकील मनोहर लाल शर्मा ने कोर्ट में याचिका दायर की है।
इसमें उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को 'गैरकानूनी, असंवैधानिक और कानून के विपरीत' बताया है।
उन्होंने अपनी याचिका में कोर्ट से इन जांच एजेन्सियों को किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों के तहत किसी भी प्रकार की आपराधिक कार्यवाही या जांच करने से रोकने का अनुरोध किया है।
विपक्ष के आरोप
विपक्ष ने लगाए थे सरकार पर गंभीर आरोप
सरकार के इस आदेश को निजता के अधिकार के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है। विपक्ष ने भी इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था।
NCP नेता माजिद मेमन ने कहा था कि यह आम लोगों की निजता में दखल है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अबकी बार, निजता पर वार।
AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने ट्वीटर पर लिखा, '1984 में आपका स्वागत है, जॉर्ज ओरवैल के बिग ब्रदर यहां है।'