
कर्नाटक धर्मस्थल मामले में आया नया मोड़, पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही कर लिया गिरफ्तार
क्या है खबर?
कर्नाटक के धर्मस्थल से जुड़े कथित सामूहिक बलात्कार और हत्याओं के बाद शवों को दफनाने के मामले में शनिवार को नया मोड़ आ गया। मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) ने मुख्य शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया है। कर्नाटक पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि शिकायतकर्ता सीएन चिन्नय्या उर्फ चेन्ना को शपथ लेकर झूठ बोलने के आरोप में गिरफ्तार किया है। SIT की जांच में शिकायतकर्ता के सभी दावे झूठे और मनगढ़ंत पाए गए हैं।
कारण
चेन्ना के बयान से संतुष्ठ नहीं हुई SIT
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान चेन्ना ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया था, लेकिन SIT उससे संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद जांच के दौरान जिरह के आधार पर SIT ने पाया कि वह झूठ बोल रहा था। उन्होंने उसकी गवाह सुरक्षा हटा ली और उसे झूठी गवाही देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अब उसका मेडिकल कराया जाएगा। बता दें कि चेन्ना ने इस मामले में अपनी पहचान छिपाने और सुरक्षा देने की मांग की थी।
बयान
अपने बयान से पलटी महिला
इस मामले में पूर्व में अपनी बेटी के धर्मस्थल से गायब होने का बयान देने वाली सुजाता भट्ट भी अपने बयान से पलट गई है। उन्होंने दावा किया था कि उनकी बेटी अनन्या भट्ट, जो कथित तौर पर MBBS की छात्रा है। वह धर्मस्थला से लापता हो गई थी। हालांकि, अब उन्होंने एक स्थानीय यूट्यूब चैनल पर कहा है कि अनन्या कभी अस्तित्व में ही नहीं थी। उन पर इस तरह का बयान देने के लिए दबाव डाला गया था।
पृष्ठभूमि
क्या है धर्मस्थल का पूरा मामला?
दरअसल, जुलाई में चेन्ना एक खोपड़ी लेकर पुलिस थाने पहुंचा था। उसका दावा था कि वह मंदिर में 16 साल तक सफाईकर्मी रहा और उसे कई महिलाओं और बच्चियों के शव जलाने और दफनाने के लिए मजबूर किया था। कथित तौर पर उनकी बलात्कार के बाद हत्या की गई थी। ये सब मंदिर से जुड़े ताकतवर लोगों के कहने पर हुआ था। उसने मामले का गवाह बनने की बात कही थी। उसके बाद मामले की जांच शुरू हुई थी।
विवाद
मामले में खड़ा किया राजनीतिक विवाद
इस मामले ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है और भाजपा ने कांग्रेस पर मंदिर नगरी को बदनाम करने की कोशिश करने और इस दुष्प्रचार को रोकने के लिए कुछ न करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। नवीनतम घटनाक्रम से भाजपा को सरकार पर निशाना साधने तथा SIT जांच के पीछे उसकी मंशा पर सवाल उठाने का मौका मिल गया है।