सुप्रीम कोर्ट में बोली केंद्र सरकार- किसी भी वक्त जम्मू-कश्मीर में चुनाव के लिए तैयार
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में आज 13वें दिन सुनवाई हुई।
इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले पंचायत चुनाव होंगे, जिसके लिए केंद्र ने मतदाता सूची तैयार कर ली है। चुनाव की तारीखों का फैसला राज्य और केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा।
बयान
सुप्रीम कोर्ट में क्या बोली केंद्र सरकार?
केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पंचायत और नगर निगम चुनाव के बाद होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, "3 चुनाव होने वाले हैं। पहली बार जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय राज व्यवस्था लागू की गई है। सबसे पहले पंचायत चुनाव होगा। इसके बाद हिल डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव होंगे। लेह में परिषद चुनाव हो गया है और अब कारगिल में अगले महीने परिषद चुनाव होने हैं।"
हालात
जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर हो रहे- केंद्र
मेहता ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45.2 प्रतिशत की कमी आई है। घुसपैठ में 90.2 प्रतिशत की कमी आई है। पत्थरबाजी की घटनाओं में 97.2 प्रतिशत और और सुरक्षाकर्मियों की मौत में 65.9 प्रतिशत की कमी आई है। अकेले जनवरी 2022 में 1.8 करोड़ पर्यटक आए और 203 में 1 करोड़ पर्यटक आए हैं। ये सभी आंकड़े बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हालात बेहतर हो रहे हैं।"
ये आंकड़े 2018 की तुलना में 2023 के हैं।
अस्थायी
सरकार बोली- जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी
इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिए जाने की समयसीमा बताने को कहा था।
इस पर आज सरकार ने कहा कि फिलहाल वो समयसीमा नहीं बता सकती। हालांकि, सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को मिला केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है और इसे पूर्ण राज्य बनाने पर काम चल रहा है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इससे मामले की संवैधानिकता तय करने में कोई असर नहीं होगा।
वैधता
अनुच्छेद 370 की संवैधानिक वैधता पर चल रही है सुनवाई
साल 2019 में केंद्र सरकार ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं के उग्र विरोध के बीच जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और जम्मू और कश्मीर को 2 केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, में विभाजित कर दिया था।
इसी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने इस फैसले की संवैधानिकता पर सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का 13वां दिन है।
धारा 370
न्यूजबाइट्स प्लस
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को स्वायत्तता और विशेष अधिकार प्रदान करता था।
अनुच्छेद 370 संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था और इनसे मिले विशेष अधिकारों के तहत राज्य को अपना एक अलग संविधान और झंडा रखने का अधिकार था।
जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और जम्मू-कश्मीर) होती थी। इस अनुच्छेद के तहत भारत सरकार केवल रक्षा, विदेश मामले और संचार के मसलों में ही राज्य में हस्तक्षेप कर सकती है।