अडाणी-हिंडनबर्ग मामला: समय पर जांच पूरी न करने पर SEBI के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका
अडाणी समूह और हिंडनबर्ग मामले में अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के खिलाफ जांच की मांग की गई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि SEBI ने कोर्ट द्वारा तय समय में हिंडनबर्ग मामले की जांच नहीं की है, जो कोर्ट की अवमानना है। उन्होंने SEBI के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए निर्देश देने की मांग की है।
क्या है याचिकाकर्ता की मांग?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी मामले की जांच के लिए SEBI पहले 2 महीने का समय दिया था, जो 2 मई को समाप्त हो गया था। हालांकि, बाद में SEBI ने 6 महीनों का अतिरिक्त समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने जांच की समयसीमा 14 अगस्त कर दी थी। 29 अगस्त को इस मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन अभी तक नहीं हुई है। अब याचिकाकर्ता ने SEBI के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने OCCRP रिपोर्ट का भी दिया हवाला
याचिकाकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। उन्होंने OCCRP रिपोर्ट की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति को निर्देश देने की मांग की है। बता दें कि OCCRP ने अडाणी समूह पर गुपचुप तरीके से अपने ही शेयर खरीदने और स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर निवेश करने का आरोप लगाया था। हालांकि, अडाणी समूह ने आरोपों को खारिज किया था।
रिपोर्ट्स में दावा- SEBI ने तैयार की जांच रिपोर्ट
अगस्त में दि इकोनॉमिक टाइम्स ने दावा किया था कि SEBI ने अडाणी समूह से जुड़ी अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है। इसके लिए SEBI ने अडाणी समूह की कंपनियों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किए गए संदिग्ध लेनदेन, कंपनियों के वित्तीय विवरण, वार्षिक रिपोर्ट, बैलेंस शीट, बैंक विवरण और अनुबंध समेत तमाम दस्तावेजों की विस्तृत जांच की गई थी। हालांकि, ये रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत नहीं की जा सकी है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडाणी समूह को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट में समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताने जैसे कई आरोप लगाए गए थे। उद्योगपति गौतम अडाणी पर अपने परिवार के जरिए फर्जी कंपनी चलाने का आरोप भी लगाया गया था। रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी और अडाणी की व्यक्तिगत संपत्ति भी काफी नीचे गिर गई थी।