पायल तड़वी का पोस्टमार्टमः गर्दन पर मिले चोट के निशान, परिवार बोला- आत्महत्या नहीं हत्या हुई
मुंबई के BYL नायर अस्पताल में मृत पाई गई रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई हैॆ। पायल की गर्दन पर कई निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'मौत के शुरुआती कारण' के उसकी गर्दन पर निशान बताए गए हैं। इस रिपोर्ट के बाद पायल के परिवार ने इसे एक हत्या का केस मानने की मांग की है। इस मामले में मुंबई की एक अदालत ने तीनों आरोपियों को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
हत्या का मामला मानने की दलील
मुंबई सेशन कोर्ट में पायल का परिवार की तरफ से दलील दे रहे वकील नितिन सतपुते ने कहा कि परिस्थितियां और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बताती हैं कि यह एक हत्या का मामला है। उन्होंने कहा, "मौत की परिस्थितियां और शरीर पर चोट के निशान देखकर हम कह सकते हैं कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है। पुलिस को इसे हत्या मानकर जांच करनी चाहिए। इसके लिए पुलिस को 14 दिन का समय दिया जाना चाहिए।"
प्रोसीक्यूटर का दावा- दवाब में है गवाह
इस मामले में आरोपियों के लिए 14 दिन की कस्टडी की मांग करते हुए प्रॉसीक्यूटर ने कहा कि गवाह पर दवाब है। उन्होंने कहा कि आरोपी हर मामले में गवाहों से बड़े हैं। गवाह आरोपियों के डर से बयान नहीं दे रहे हैं। अगर इस मामले की सही जांच नहीं हुई तो समाज में अशांति फैल सकती है। उन्होंने कोर्ट से पुलिस को आरोपियों के फोन से व्हाट्सऐप चैट हासिल करने के आदेश देने की अपील की।
बचाव दल ने नकारे आरोप
बचाव दल के वकील ने अदालत में आरोपियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि तीनों आरोपियों को तड़वी का जाति की जानकारी नहीं थी। इस मामले को हत्या के मामले की तरह चलाने की बात पर आरोपी डॉक्टर भक्ति मेहरे के वकील ने कहा कि पहले सारी मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप पर कहा कि इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
22 मई को पायल ने की थी आत्महत्या
पायल ने 22 मई को मुंबई के BYL नायर अस्पताल में आत्महत्या कर ली थी। पायल के घरवालों का आरोप है कि उसके तीन सीनियर डॉक्टर्स जातीय टिप्पणी करती थीं। इससे तंग आकर पायल ने आत्महत्या कर ली। घरवालों का यह भी कहना है कि उन्होंने इस बारे में कई बार अस्पताल प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इस मामले ने एक बार फिर जातीय भेदभाव को लेकर बहस खड़ी कर दी है।
आरोपी डॉक्टरों की सदस्यता रद्द
पायल ने मई, 2018 में कॉलेज में एडमिशन लिया था और वो यहां बतौर रेजिडेंट डॉक्टर तैनात थी। परिवार का आरोप है कि पायल का एडमिशन गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स विभाग में आरक्षित कोटे से हुआ था, इसलिए आरोपी डॉक्टर्स लगातार उन्हें परेशान करती थी। पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), SC/ST एक्ट, एंटी रैगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। MARD ने आरोपियों की सदस्यता निरस्त कर दी है।
बुधवार को कोर्ट में हुई आरोपियों की पेशी
पुलिस ने पायल तड़वी आत्महत्या मामले में बुधवार को तीन महिला डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार की गई डॉक्टरों में डॉक्टर हेमा आहूजा, डॉक्टर अंकिता खंडेलवाल और डॉक्टर भक्ति मेहरा शामिल हैं, जिन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया गया।
पायल की दोस्त से हुई बातचीत आई सामने
मुंबई मिरर ने पायल और उसकी दोस्त के बीच हुई व्हाट्सऐप चैट के स्क्रीनशॉट हासिल किए हैं। इसमें पायल उसे बता रही है कि वह अपने सीनियर्स के शोषण से तंग आकर अपनी यूनिट बदलने पर विचार कर रही है। नवंबर 2018 में पायल ने अपनी दोस्त को बताया था कि उसकी सीनियर उसे गालियां देती हैं और उसे कुछ सीखने भी नहीं दे रही, जिस वजह से वह अपने सहपाठियों से बहुत पीछे रह गई है।
आरक्षित सीट छोड़ना चाहती थी पायल
पायल ने अपनी दोस्त से बात करते हुए बताया कि उसने अपने घर वालों से 20 लाख रुपये का इंतजाम करने को कहा है। यह पैसे उसे अपनी आरक्षित सीट छोड़ने पर राज्य सरकार को देने पड़ते।