भारतीय रेलवे: ब्रेक जर्नी के नियमों के बारे में यहाँ जानें सबकुछ
भारतीय रेलवे लंबी दूरी की यात्रा के दौरान अपने यात्रियों को ब्रेक जर्नी की सुविधा प्रदान करता है। यह विकल्प सिंगल यात्रा टिकट पर उपलब्ध है, जो कम से कम 500 किलोमीटर की दूरी के लिए होना चाहिए। 1,000 किलोमीटर तक की दूरी के लिए केवल एक ब्रेक जर्नी की अनुमति होती है, जबकि उससे लंबी दूरी के लिए दो ब्रेक जर्नी की सुविधा मिलती है। आइए आपको ब्रेक जर्नी के नियमों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
ब्रेक जर्नी और अपवादों की अवधि के बारे में नियम
ट्रेन से प्रस्थान और आगमन के दिनों को छोड़कर किसी स्टेशन पर यात्रा की जानें वाली ब्रेक जर्नी की अवधि अधिकतम दो दिनों तक होती है। राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस जैसी कुछ ट्रेनों में यात्रा के दौरान ब्रेक जर्नी की अनुमति नहीं होती है। यानी इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को एक ही बार में पूरी यात्रा करनी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन ट्रेनों में पॉइंट-टू-पॉइंट आधार पर समावेशी किराया संरचना अलग-अलग है।
टिकट समर्थन और ब्रेक जर्नी के इरादे के बारे में नियम
यात्रियों को जर्नी ब्रेक वाले स्टेशन पर अपने टिकट का समर्थन करने की आवश्यकता होती है। समर्थन में स्टेशन कोड, स्टेशन मास्टर सहमति और जर्नी ब्रेक की तारीख़ शामिल होनी चाहिए। यदि कोई यात्री इस तरह समर्थन प्राप्त नहीं करता है, तो उनकी यात्रा को टिकट के बिना यात्रा माना जाएगा। अगर आपको ब्रेक जर्नी करनी है, तो टिकट बुकिंग के समय ही अपने ब्रेक जर्नी के इरादे के बारे में बताना चाहिए न कि आरक्षण करवाने के बाद।