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    ISRO के सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग, दुश्मन देशों की गतिविधियों पर रखेगा नजर, जानें अन्य खासियत

    ISRO के सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग, दुश्मन देशों की गतिविधियों पर रखेगा नजर, जानें अन्य खासियत

    लेखन प्रमोद कुमार
    May 22, 2019
    10:41 am

    क्या है खबर?

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO) ने अपनी कामयाबी की किताब में एक और अध्याय जोड़ लिया है।

    ISRO ने बुधवार सुबह 5:30 बजे श्रीहरिकोटा से हर मौसम के रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह 'RISAT-2B' को सफलतापूर्व लॉन्च किया। यह लॉन्चिंग PSLV-C46 से की गई है।

    यह RISAT सीरीज का चौथा सैटेलाइट है। ISRO ने जानकारी दी कि PSLV-C46 ने इस सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ ऑरबिट) में स्थापित कर दिया है।

    जानकारी

    RISAT-2 की जगह लेगा RISAT-2B

    इस सैटेलाइट का कुल वजन 615 किलोग्राम है और इसे लॉन्चिंग के लगभग 15 मिनट बाद लो अर्थ ऑरबिट में छोड़ा गया। यह खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन सहयोग जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा। RISAT-2B 2009 में भेजे गए RISAT-2 की जगह लेगा।

    ट्विटर पोस्ट

    लॉन्चिंग के समय ऐसा दिखा नजारा

    Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls

    — ANI (@ANI) May 22, 2019

    मकसद

    दुश्मन देशों की हर गतिविधि पर नजर रखेगा सैटेलाइट

    इस सैटेलाइट की खास बात यह है कि यह हर मौसम में साफ और सही तस्वीरें ले सकता है।

    555 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित इस सैटेलाइट की क्षमता पर बादलों का कोई असर नहीं होगा। यह बादलों के पार भी साफ फोटो ले सकता है।

    सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त सैटेलाइट से ली गई तस्वीरें काफी काम आई थीं। ऐसे में यह सैटेलाइट भी दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगा।

    ट्विटर पोस्ट

    ISRO ने मिशन सफल होने की जानकारी

    🇮🇳 #ISROMissions 🇮🇳#PSLVC46 successfully injects #RISAT2B into Low Earth Orbit.
    Here's the view of #RISAT2B separation captured by our onboard camera

    Our updates will continue. pic.twitter.com/WUTBdNH2XJ

    — ISRO (@isro) May 22, 2019

    ISRO

    ISRO प्रमुख ने बताई बड़ी उपलब्धि

    ISRO प्रमुख के शिवन ने इस मिशन को बड़ी उपलब्धि बताते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी है।

    उन्होंने कहा, "मुझे यह जानकारी देते हुए बेहद खुशी है कि PSLV-C46 की लॉन्चिंग सफल रही। यह बड़ी उपलब्धि है।"

    लॉन्चिंग के पहले शिवन ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा की थी। तब उन्होंने बताया था कि सैटेलाइट इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग के बाद ISRO चंद्रयान-2 पर काम करेगा जिसका 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च करने का कार्यक्रम है।

    जानकारी

    6 सितंबर को चांद पर पहुंचेगा चंद्रयान-2

    चंद्रयान-2 मिशन के यान का कुल भार ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) समेच 3.8 टन होगा। चंद्रयान-2 को 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा। माना जा रहा है कि चंद्रयान-2 6 सिंतबर को चंद्रमा की सतह पर उतर जाएगा।

    चंद्रयान

    GSLV MK-III से लॉन्च होगा चंद्रयान-2

    ऑर्बिटर चांद की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर चांद के दक्षिण ध्रुव के पास सतह पर उतरेगा और रोवर चांद की सतर पर प्रयोग करेगा।

    लॉन्चिंग के वक्त रोवर लैंडर के अंदर रहेगा और ऑर्बिटर और लैंडर को साथ रखा जाएगा।

    इस यान को ISRO के GSLV MK-III लॉन्च व्हीकल से लॉन्च किया जाएगा।

    धरती की कक्षा में पहुंचने के बाद ऑर्बिटर प्रोपल्शन मॉड्यूल की मदद से यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा।

    चंद्रयान-2

    चंद्रयान-1 का अपग्रेडेड वर्जन है चंद्रयान-2

    ISRO प्रमुख के शिवन ने जनवरी में कहा था, "हम चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐसी जगह जा रहे हैं जहां आजतक कोई नहीं गया है।"

    चंद्रयान-2 से पहले भारत ने चंद्रयान-1 मिशन में 11 पेलोड्स भेजे थे। इनमें से भारत के पांच, यूरोप के तीन, अमेरिका के दो और एक पेलोड बुल्गारिया का था।

    इस मिशन को चांद की सतह पर पानी की खोज का श्रेय दिया जाता है।

    पूरी दुनिया में इस मिशन की तारीफ हुई थी।

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