ISRO ने फिर लहराया कामयाबी का परचम, सफलतापूर्वक लॉन्च किया कार्टोसैट-3 सैटेलाइट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर अपनी कामयाबी का परचम लहराया है। ISRO ने 27 नवंबर सुबह 9:28 मिनट पर निगरानी और मैप सैटेलाइट कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह इस सीरीज का नौंवा सैटेलाइट है। यह पड़ोसी देशों पर नजर रखने में सेना के लिए अहम भूमिका निभाएगा। कहा जा रहा है कि सर्जिकल और एयर स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन में यह सैटेलाइट जरूरी भूमिका निभा सकता है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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कार्टोसैट के साथ भेजे गए 13 नैनो सैटेलाइट
कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के 13 नैनो सैटेलाइट भी लॉन्च किए गए हैं। इनका कमर्शियल इस्तेमाल किया जाएगा। इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के सेकंड लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। चंद्रयान-2 के बाद ISRO का यह पहला बड़ा लॉन्चिंग अभियान था। इस मौके पर ISRO प्रमुख के सिवन के अलावा संस्थान के कई बड़े वैज्ञानिक कंट्रोल रूम में मौजूद रहे। यह श्रीहरिकोटा से ISRO की 74वीं लॉन्चिंग थी।
पांच साल तक काम करेगा कार्टोसैट-3
कार्टोसैट-3 एक आधुनिक सैटेलाइट है जो इतनी ऊंचाई से भी हाई रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसका कुल भार 1,625 किलोग्राम है। यह शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की मैपिंग के जरिए योजना बनाने और तटीय भूमि के उपयोग आदि में मदद करेगा। इसके अलावा सेना इसके जरिए पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर भी नजर रख सकेगी। इसका जीवनकाल पांच साल का है। इस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में मौजूद भारत की आंख भी कहा जा रहा है।
यहां देखिये लॉन्चिंग का वीडियो
कार्टोसैट-3 में लगा है सबसे ताकतवर कैमरा
बताया जा रहा है कि कार्टोसैट-3 में लगा कैमरा अब तक का सबसे ताकतवर कैमरा है। यह अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर की ऊंचाई से जमीन पर 9.84 इंच की ऊंचाई तक की बिल्कुल साफ तस्वीरें लेने में सक्षम है। यानी यह आपके हाथ में बंधी घड़ी तक का पता लगा सकता है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी डिजिटल ग्लोब के सैटेलाइट जियोआई-1 का कैमरा भी इतना शक्तिशाली नहीं है। वह 16.1 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीरें ले सकता है।
सिवन ने जताई खुशी
के सिवन ने सैटेलाइट की लॉन्चिंग पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इसने सही तरीके से ऑर्बिटर में प्रवेश कर लिया है। यह अब तक का सबसे ज्यादा रेजोल्यूशन वाला सिविलियन सैटेलाइट है। ISRO मार्च तक 13 और मिशन भेजेगा।
चंद्रयान-3 और गगनयान मिशन पर टिकी है सबकी नजरें
ISRO अगले साल के अंत तक चंद्रमा पर तीसरा मिशन चंद्रयान-3 भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस मिशन पर लैंडर और रोवर भेजे जाएंगे। इसके अलावा ISRO अंतरिक्ष में मानव भेजने के गगनयान मिशन की तैयारियों पर भी जोरों से लगा है। इसके लिए वायुसेना के पायलटों का चयन किया गया है। उनके अंतिम चयन से पहले उन्हें रूस में ट्रेनिंग दी जा रही है।