
#NewsBytesExplainer: भारत और EFTA के बीच मुक्त व्यापार समझौता लागू हुआ, क्या-क्या होगा सस्ता?
क्या है खबर?
भारत ने पिछले साल मार्च में 4 देशों के समूह यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए थे। ये समझौता आज यानी 1 अक्टूबर से लागू हो गया है। इसके बाद भारत इन देशों से आने वाले करीब 90 प्रतिशत आयात पर टैरिफ शून्य कर देगा। वहीं, भारतीय निर्यातकों को EFTA बाजारों में 99 प्रतिशत माल तक शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी। आइए जानते हैं क्या-क्या सस्ता हो सकता है।
EFTA
सबसे पहले जानिए EFTA क्या है?
EFTA यूरोप के 4 देश- आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड का एक अंतर-सरकारी संगठन है। ये चारों देश यूरोपीय संघ (EU) का हिस्सा नहीं हैं। इस संगठन की स्थापना साल 1960 में हुई थी, जिसका उद्देश्य उन यूरोपीय देशों के लिए एक वैकल्पिक व्यापार संगठन बनाना था, जो EU का हिस्सा नहीं थे। स्थापना के वक्त इसमें 7 देश थे, जिनमें से कुछ बाद में EU में शामिल हो गए।
समझौता
समझौते की बड़ी बातें जानिए
इस समझौते के तहत दोनों पक्षों ने अगले 15 वर्षों में 8.86 लाख करोड़ का निवेश करने और 10 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य रखा है। समझौते में 14 अध्याय हैं। इनमें वस्तुओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं जैसे मुद्दे शामिल हैं। भारत और EFTA जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) पर बातचीत कर रहे थे।
फायदा
भारत को क्या फायदा होगा?
समझौते के तहत, EFTA के 92.2 प्रतिशत टैरिफ लाइनों या उत्पाद श्रेणियों पर भारत को शुल्क-मुक्त पहुंच की पेशकश की है, जो भारत के कुल निर्यात के 99.6 प्रतिशत को कवर करती हैं। इसमें गैर-कृषि उत्पादों का 100 प्रतिशत और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर टैरिफ रियायतें भी शामिल हैं। भारतीय निर्यातकों को मशीनरी, जैविक रसायन, वस्त्र, चमड़ा, रत्न और आभूषण और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे क्षेत्रों में टैरिफ से छूट मिलेगी। इससे प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और लागत कम होगी।
वस्तुएं
कौन-कौनसी चीजें होंगी सस्ती?
5 से 15 डॉलर तक की हर 750 मिलीलीटर वाइन पर टैरिफ 150 की बजाय 100 प्रतिशत लगेगा। 10वें साल में ये 50 प्रतिशत हो जाएगा। आज से ही अधिकांश दवाइयों, रंग, वस्त्र और परिधान, लोहा और इस्पात उत्पाद पर टैरिफ शून्य हो जाएगा। फिश बॉडी ऑयल और स्मार्टफोन पर 5 साल के भीतर टैरिफ शून्य होगा। टूना, ट्राउट, सैल्मन, जैतून तेल, कोको बीन, मकई फ्लेक्स, इंस्टेंट चाय, मशीनरी, साइकिल पुर्जे और घड़ियों पर 7 सालों में टैरिफ शून्य होगा।
विशेषज्ञ
क्या कह रहे हैं जानकार?
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अजय श्रीवास्तव ने BBC से कहा, "औद्योगिक वस्तुओं पर पहले से ही शून्य शुल्क है, इसलिए भारत को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलेगा। अगर कोई फायदा होता है, तो वह टैरिफ की वजह से नहीं, बल्कि धारणा निर्माण की वजह से होगा, क्योंकि यह भारत का किसी यूरोपीय देश के साथ पहला व्यापार समझौता है। इससे दुनिया को यह संकेत मिलेगा कि भारत उदारीकरण के लिए तैयार है।"
व्यापार
EFTA देशों के साथ कैसे हैं भारत का व्यापारिक संबंध?
वित्त वर्ष 2023-24 में EFTA देशों को भारत ने 15,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं निर्यात कीं। इनमें रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, परिधान, मोती, कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर जैसी वस्तुएं शामिल थीं। भारत ने EFTA देशों से 1.6 लाख करोड़ रुपये का सामान आयात किया, जिसमें मोती, कीमती या अर्ध-कीमती पत्थर, कीमती धातुएं और 1.3 लाख करोड़ रुपये के सिक्के शामिल हैं। भारत कुल सोने के आयात का करीब 80 प्रतिशत स्विट्जरलैंड से करता है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
FTA 2 या 2 से ज्यादा देशों के बीच व्यापार को आसान बनाने के लिए किया जाता है। इसके तहत आयात और निर्यात शुल्क को कम कर या खत्म कर देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार बहुत कम या बिना किसी टैरिफ बाधाओं के किया जा सकता है। इसके अंतर्गत सरकारी शुल्क, कोटा और सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं। भारत के कई देशों के साथ इस तरह के समझौते हैं।