भारत में मिले HMPV वायरस के 2 मामले, बेंगलुरू में बच्चे संक्रमित
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के बाद ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) नाम का नया वायरस सामने आया है, जो दुनियाभर में धीरे-धीरे पैर पसार रहा है।
भारत में पहला मामला सोमवार को कर्नाटक राज्य में सामने आया है। यहां की राजधानी बेंगलुरू के बैपटिस्ट अस्पताल में 2 बच्चे वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
3 महीने की बच्ची को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। 8 महीने का बच्चा 3 जनवरी को भर्ती हुआ था। वह ठीक हो रहा है।
वायरस
ICMR ने पुष्टि की
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दोनों मामलों की पुष्टि करते हुए बताया कि मामलों की पहचान कई श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के जरिए की गई, जो देशभर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए ICMR के प्रयासों का हिस्सा है।
बच्चों का कोई यात्रा इतिहास नहीं है। फिलहाल उन पर नजर रखी जा रही है।
कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि उन्हें बच्ची में मिले वायरस के प्रकार यानी स्ट्रेन की जानकारी नहीं है।
अलर्ट
भारत में कितनी है तैयारी?
भारत में वायरस लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय गंभीर है। 3 जनवरी को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने बताया था कि वह देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों पर बारीकी से नजर रख रहा है और चीन में HMPV प्रकोप की हालिया रिपोर्टों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि वायरस किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है, जो सामान्य सर्दी का कारण बनता है।
वायरस
क्या है HMPV?
HMPV वायरस एक सांस संबंधी वायरस है, जो ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र में संक्रमण करता है।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, यह सभी आयु समूहों के व्यक्तियों को प्रभावित करता है, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इन्युनिटी वाले लोगों के संक्रमित होने की संभावना ज्यादा रहती है।
इस वायरस की पहली बार पहचान साल 2001 में हुई थी। आमतौर पर ये सर्दियों या शुरुआती वसंत मौसम में फैलता है।
लक्षण
वायरस के क्या है लक्षण?
HMPV के लक्षण दूसरे फ्लू के समान ही हैं। सामान्य लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
गंभीर मामलों में वायरस ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी बीमारियों की वजह भी बन सकता है। इसके अलावा गले में खराश, सांस फूलना और त्वचा पर छोटे-छोटे दाने भी हो सकते हैं।
आमतौर पर संक्रमित मरीज में 3 से 6 दिनों तक लक्षण देखे जा सकते हैं।