
गर्मी में सबसे अधिक तपने वाले शहर बचने के लिए क्या कर रहे उपाय?
क्या है खबर?
गर्मी शुरू हो चुकी है और भारत के कई शहरों में तापमान 32 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। इस बीच बुधवार को नई दिल्ली स्थित शोध संगठन सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबोरेटिव की एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है कि गर्मी से अत्यधिक प्रभावित शहर इसके खतरों से निपटने के लिए क्या उपाय कर रहे हैं।
इसमें 9 प्रमुख शहर बेंगलुरु, दिल्ली, फरीदाबाद, ग्वालियर, कोटा, लुधियाना, मेरठ, मुंबई और सूरत को शामिल किया गया है।
गर्मी
दीर्घकालिक नहीं अल्पकालिक उपायों पर ध्यान केंद्रित
अध्ययन में सामने आया है कि सभी 9 शहर गर्मी की लहरों से निपटने के लिए दीर्घकालिक नहीं बल्कि अल्पकालिक उपायों पर ध्यान दे रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, दीर्घकालिक उपाय काफी दुर्लभ हैं और भौगोलिक रूप से शहरों के मुताबिक उनका लक्ष्य ठीक से निर्धारित नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रभावी दीर्घकालिक रणनीतियों के न होने से भारत में भविष्य में लगातार, तीव्र और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी से संबंधित मौतों की अधिक संभावना है।
उपाय
क्या किए गए हैं अल्पकालिक उपाय?
जिला और राज्य सरकार के अधिकारियों का साक्षात्कार कर रिपोर्ट में अल्पकालिक उपायों की जानकारी ली गई है, जिसमें पेयजल की उपलब्धता, कार्यसूची में समायोजन, गर्मी में अस्पतालों की क्षमता बढ़ाना शामिल है।
हीट एक्शन प्लान में आपातकालीन प्रतिक्रियाएं शामिल नहीं हैं क्योंकि ये राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित होती हैं।
पेड़ लगाने और छत पर सौर ऊर्जा जैसी पहल भी है, लेकिन इनसे गर्मी में काम करने वाले श्रमिकों को फायदा नहीं।
रिपोर्ट
गर्मी के प्रभाव को न रोककर उसके उपचार पर ध्यान केंद्रित
रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी नियोजन सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों ने गर्मी की चिंताओं को अपनी नीतियों में शामिल नहीं किया है।
इन शहरों में गर्मी के प्रभावों को रोकने की जगह उनका उपचार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। शहर मौजूदा बजट से अल्पकालिक उपायों का प्रबंधन करते हैं।
उनके पास संरचनात्मक परिवर्तन, जैसे शहरी शीतलन और बुनियादी ढांचे के लिए फंडिंग की कमी है।
दीर्घकालिक उपायों को लागू करने में समय भी काफी लगेगा।
सुझाव
विशेषज्ञों ने क्या दिया है सुझाव?
अध्ययन में शामिल विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि सरकारें दीर्घकालिक समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने और सबसे संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ताप कार्रवाई योजना बना सकती हैं।
राज्य सरकारें राष्ट्रीय और राज्य आपदा निधि गर्मी के खतरों को कम करने और दीर्घकालिक समाधानों में निवेश के लिए कर सकते हैं।
उन्होंने शहरों में मुख्य ताप अधिकारी नियुक्त करने की बात कही, जिनके पास ताप से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए अधिकार और संसाधन होने चाहिए।