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किसानों संग सरकार की 7वीं वार्ता भी बेनतीजा, अब 4 मई को फिर बैठक 
किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ती भी बेनतीजा (फाइल फोटो)

किसानों संग सरकार की 7वीं वार्ता भी बेनतीजा, अब 4 मई को फिर बैठक 

लेखन आबिद खान
Mar 19, 2025
04:36 pm

क्या है खबर?

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत कई अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) से जुड़े किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में आज 7वें दौर की वार्ता हुई। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंधेर शामिल हुए। वहीं, सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल मौजूद रहे। 4 मई को किसानों और सरकार के बीच फिर बैठक होगी।

एंबुलेंस

बैठक में शामिल होने एंबुलेंस से आए डल्लेवाल

बैठक में शामिल होने के लिए किसान नेता डल्लेवाल एंबुलेंस से चंडीगढ़ पहुंचे। वे संगरूर के खनौरी बॉर्डर पर बीते 113 दिन से अनशन पर बैठे हैं। बैठक में 28 किसान नेता शामिल हो रहे हैं। किसानों और केंद्र के बीच 6 बार बातचीत हुई है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। बैठक से पहले पंधेर ने कहा कि किसानों को उम्मीद है कि सरकार उनके मुद्दों का समाधान करेगी।

बयान

शिवराज सिंह बोले- सकारात्मक बातचीत हुई

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा, "बैठक बेहद ही सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई है। दोनों तरफ से हुई बातचीत सकारात्मक और उद्देश्य पूर्ण रही है। चर्चा जारी रहेगी। अब 4 मई को अगले दौर की बैठक होगी।" वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, "केंद्र सरकार की किसानों के साथ बातचीत हुई और सभी मुद्दों पर चर्चा की गई है। अब केंद्र सरकार व्यापारी और अन्य किसानों से जुड़े वर्गों से चर्चा करेगी।"

सुरक्षा

चंडीगढ़ में सुरक्षा सख्त, बैठक से पहले किसान रोके गए

बैठक को लेकर चंडीगढ़ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पुलिस ने चेकिंग के बाद ही वाहनों को आगे जाने दिया। दैनिक भास्कर के मुताबिक, मोहाली से चंडीगढ़ आ रहे किसानों को चंडीगढ़ पुलिस ने सीमा पर ही रोक लिया। पुलिस ने अधिकारियों से अनुमति का हवाला देकर लगभग 35-40 वाहनों को आगे जाने की अनुमति नहीं दी थी। चर्चा के बाद करीब आधे घंटे बाद किसानों को जाने दिया गया।

मांगें

क्या हैं किसानों की मांगें?

किसान सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। स्वामीनाथन आयोग के हिसाब से फसलों की कीमत तय हो। कर्ज माफी हो, किसानों को पेंशन मिले और खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। लखीमपुर खीरी मामले के दोषियों को सजा मिले। पिछले किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और सराकरी नौकरी मिले और किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस हों। भूमि अधिग्रहण अधिनियम लागू किया जाए।