जम्मू-कश्मीर: आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक अधिकारी समेत पांच जवान शहीद
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर से बुरी खबरों का आना थम नहीं रहा है और अब पुंछ जिले से सेना के पांच जवानों के शहीद होने की खबर आ रही है। इंडिया टुडे के अनुसार, ये जवान आतंकी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते वक्त शहीद हुए।
घुसपैठ की जानकारी मिलने पर सेना ने सर्च अभियान चलाया था और इसी दौरान आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। शहीद हुए जवानों में चार सैनिक और एक अधिकारी शामिल है।
रिपोर्ट
LoC से घुसपैठ करने में कामयाब हो गए थे आतंकी
रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा बलों को सूरनकोट सब-डिविजन में मुगल रोड के पास स्थित जंगलों में भारी हथियारों से लैस आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, जो नियंत्रण रेखा (LoC) से घुसपैठ करने में कामयाब रहे थे।
जानकारी मिलने पर सेना और पुलिस की टीमों को मौके पर भेजा गया जिन्होंने भागने के सभी रास्तों को घेर लिया। इसके बाद जवानों ने डेरा की गली के पास स्थित एक गांव में सर्च अभियान शुरू किया।
मुठभेड़
आतंकियों की फायरिंग में शहीद हुए पांच जवान
अधिकारियों ने बताया कि सर्च अभियान के दौरान आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी जिसमें एक JCO और चार जवानों को गंभीर चोटें आईं। इन पांचों को तत्काल पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
आतंकी अभी भी इलाके में फंसे हुए हैं और उनके और सेना के बीच मुठभेड़ चल रही है। सेना ने पूरे इलाके को घेरा हुआ है और अतिरिक्त जवानों को मौके पर भेजा गया है।
अफगानिस्तान का असर
कश्मीर में पिछले कुछ समय में बढ़ी हैं आतंकी घटनाएं
बता दें कि कश्मीर में पिछले कुछ समय से आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। इसका एक बड़ा कारण अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है।
इस कब्जे ने आतंकियों में एक नया जोश भरने का काम किया है, वहीं अफगानिस्तान में जीत के बाद पाकिस्तान अब उनका रुख कश्मीर की तरफ करने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान ड्रोन के जरिए कश्मीर में आतंकियों को हथियार भी प्रदान कर रहा है।
अल्पसंख्यकों पर हमले
घाटी में एक हफ्ते में हो चुकी है सात अल्पसंख्यकों की हत्या
स्थिति यह है कि कश्मीर में पिछले एक हफ्ते में सात अल्पसंख्यकों की हत्या की जा चुकी है।
गुरूवार को ही आतंकियों ने श्रीनगर के एक सरकारी स्कूल में घुसकर महिला सहित दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी।
इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70), एक रेहड़ी लगाने वाला व्यवसायी और एक कैब ड्राइवर को गोली मारी थी।
उससे पहले शनिवार को दो लोगों को निशाना बनाया गया था जिसमें से एक मारा गया।
आतंकी संगठन
हत्याओं के पीछे लश्कर-ए-तैयबा समर्थित समूह का हाथ
कश्मीर में हो रही इन हत्याओं के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा समर्थित द रजिस्टेंस फोर्स (TRF) का हाथ माना जा रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद कई राष्ट्रीय एजेंसियों की आतंकरोधी टीमें कश्मीर पहुंच चुकी हैं और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अभियान चलाने की तैयारी में हैं।
एजेंसियों का मानना है कि तालिबान के कब्जे और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को नया बॉस मिलने के बाद आतंकियों में नया जोश भर गया है।