दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के 16 किलोमीटर हिस्से के लिए काटे गए 7,575 पेड़, RTI में खुलासा
क्या है खबर?
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के 16 किलोमीटर लंबे हिस्से के लिए 7,575 पेड़ों की बलि दी गई है। यह खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) के एक आवेदन से हुआ है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस RTI आवेदन के जवाब में बताया कि परियोजना के गणेशपुर-देहरादून खंड पर काटे गए 7,575 पेड़ों में 4,983 पेड़ उत्तराखंड में, जबकि 2,592 उत्तर प्रदेश में थे।
इन पेड़ों को काटने के बाद मुआवजे के रूप में 1.76 लाख से अधिक पेड़ लगाए जाने हैं।
हरियाली
स्थानांतरित किए गए 155 पेड़ों में से केवल 121 बचे
नोएडा के RTI कार्यकर्ता अमित गुप्ता के पेड़ों के स्थानांतरण और उनके वर्तमान अस्तित्व के सवाल पर NHAI ने बताया कि कुल 155 पेड़ स्थानांतरित किए गए थे, जिनमें से 121 बचे हैं।
पेड़ काटने के लिए NHAI की ओर से उत्तर प्रदेश और और उत्तराखंड के वन विभागों को प्रतिपूरक वनीकरण के लिए लगभग 3.61 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
बता दें कि इस एक्सप्रेसवे में वन्यजीवों के लिए कई विशेष प्रावधान किए गए हैं।
निर्माण
212 किलोमीटर लंबा है एक्सप्रेसवे
6 लेन का 212 किलोमीटर लंबा दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे 12,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
एक्सप्रेसवे के बनने से दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा के समय में ढाई घंटे की कटौती होने की उम्मीद है। यह अगले साल जनता के लिए खुल सकता है।
इसमें 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड, 2 प्रमुख पुल, 13 छोटे पुल, 6 पशु अंडरपास और 2 हाथी अंडरपास हैं। एक्सप्रेसवे 4 खंडों में बंटा है।