चंद्रयान-2 के बारे में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने ISRO को दिए थे ये सुझाव
क्या है खबर?
भारत ने चांद की सतह पर उतरने वाला मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च कर दिया है। ISRO ने श्रीहरिकोटा से इसे सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि भारत के पूर्व के राष्ट्रपति और 'मिसाइल मैन' के नाम से जाने जाने वाले डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने चंद्रयान-2 को लेकर ISRO और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के वैज्ञानिकों को अहम सुझाव दिए थे।
क्या थे अब्दुल कलाम के ये सुझाव, आइये जानते हैं।
चंद्रयान-1
चंद्रयान-1 की कामयाबी से पड़ी चंद्रयान-2 की नींव
लगभग 11 साल पहले यानी 2008 में भारत ने चंद्रयान-1 लॉन्च किया था।
इसने चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी का पता लगाया था। इस स्पेसक्राफ्ट पर NASA का भी एक इंस्ट्रूमेंट लगा था, जिसने इस बात की पुष्टि की थी।
इस मिशन की सफलता से उत्साहित होकर ISRO ने चंद्रयान-2 भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन इस बार वह इस मिशन को पहले से ज्यादा बड़ा और चांद की सतह पर उतारने वाला बनाना चाहता था।
सुझाव
चंद्रयान-2 को लेकर ये थे डॉक्टर कलाम के सुझाव
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इसके एक साल बाद डॉक्टर कलाम ने मुंबई में चंद्रयान-1 को लेकर आयोजित कार्यक्रम में ISRO और NASA के वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे।
उन्होंने कहा था कि भारतीय वैज्ञानिक चांद पर पानी की मौजूदगी के साक्ष्यों का सत्यापन कर रहे हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि ISRO और NASA को चंद्रयान-2 मिशन पर सरफेस रोबोटिक पेनीट्रेटर (सतह के भीतर जा सकने वाले रोबोट) भेजने चाहिए ताकि पानी के अणुओं का पता लगाया जा सके।
जानकारी
हल्का स्पेसक्राफ्ट बनाएंं वैज्ञानिक- कलाम
देश के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉक्टर कलाम ने सुझाव दिया था कि वैज्ञानिकों को 2050 तक एक किलोग्राम वजन वाला स्पेसक्राफ्ट बनाना चाहिए, जिससे लॉन्चिंग के दौरान होने वाले खर्च को 90 फीसदी तक कम किया जा सके।
चंद्रयान-2
चांद की सतह पर उतरने की भारत की पहली कोशिश
चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरने की पहली कोशिश है। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसा कर पाए हैं।
भारत ने इससे पहले 2008 में चंद्रयान-1 लॉन्च किया था, जिसने चांद पर पानी की मौजूदगी का पता लगाया था। हालांकि, चंद्रयान-1 चांद की सतह पर नहीं उतरा था।
चंद्रयान-2 के सहारे ISRO चांद की सतह पर मैग्निशियम, कैल्शियम जैसे खनिज तत्वों को खोजने, पानी की मौजूदगी को तलाशने और चांद की बाहरी परत की जांच की कोशिश करेगा।
जानकारी
इस मिशन से क्या मिलेगा?
ISRO के प्रमुख के सीवन ने कहा कि अगर यह मिशन सफल रहता है तो चांद के बारे में समझ बढ़ेगी और भारत और पूरी मानवता के हक में होगा। चंद्रयान-1 की खोजों को विस्तृत रूप से समझने के लिए चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया है।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का वीडियो
#WATCH: GSLVMkIII-M1 lifts-off from Sriharikota carrying #Chandrayaan2 #ISRO pic.twitter.com/X4ne8W0I3R
— ANI (@ANI) July 22, 2019