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अहमदाबाद विमान हादसा: एयर इंडिया का ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त, डाटा निकालने अमेरिका भेजा जाएगा
एयर इंडिया के विमान से बरामद ब्लैक बॉक्स अमेरिका या फ्रांस भेजा जा सकता है (तस्वीर: एक्स/@sanjoychakra)

अहमदाबाद विमान हादसा: एयर इंडिया का ब्लैक बॉक्स क्षतिग्रस्त, डाटा निकालने अमेरिका भेजा जाएगा

लेखन गजेंद्र
Jun 19, 2025
01:16 pm

क्या है खबर?

अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त एयर इंडिया के विमान से बरामद ब्लैक बॉक्स काफी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे जानकारी मिलने में समस्या आ रही है। बताया जा रहा है कि ब्लैक बॉक्स के उन्नत फोरेंसिक विश्लेषण और डाटा निकालने के लिए उसे संभवत: अमेरिका या फ्रांस भेजा जा सकता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार एक या दो दिन में इस मामले में अंतिम निर्णय लेगी कि ब्लैक बॉक्स भेजा जाए या नहीं।

जांच

बोइंग और अमेरिकी एजेंसी के साथ काम कर रहा भारत

दुर्घटना के बाद विमान से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) बरामद किया गया था, जो काफी जले हुए थे। भारत इसमें से जरूरी डाटा निकालने का प्रयास कर रही है, लेकिन थर्मल और अन्य नुकसान को आवश्यक विशेषज्ञता से ठीक किया जा सकता है, जो अमेरिका या फ्रांस में संभव है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) अभी अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSC) और बोइंग के साथ काम कर रहा है।

जांच

अमेरिका में सबसे उन्नत प्रयोगशाला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में दुनिया की सबसे उन्नत ब्लैक बॉक्स प्रयोगशालाएं हैं, जो खराब से खराब डाटा को फिर से बनाने रिकवर करने में सक्षम हैं। इसलिए इसे अमेरिका ही भेजा जाना संभावित है, लेकिन उससे पहले भारत में कोशिश चल रही है। बता दें कि जब तक ब्लैक बॉक्स से आवश्यक डाटा बरामद नहीं हो जाता, तब तक जांच की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

जरूरी

क्यों जरूरी है ब्लैक बॉक्स?

CVR और FDR को ही ब्लैक बॉक्स कहते हैं। CVR में कॉकपिट के अंदर पायलटों के बीच बातचीत, एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ संचार, कॉकपिट अलार्म, स्वचालित चेतावनियां और इंजन का शोर और स्विच को रिकॉर्ड करता है। FDR से उड़ान के दौरान विमान की स्थिति और सिस्टम के बारे में तकनीकी जानकारी मिलती है, जिसमें ऊंचाई, गति, हेडिंग, ऊर्ध्वाधर त्वरण और पतवार, एलेरॉन और थ्रॉटल जैसी नियंत्रण सतह की स्थिति शामिल है। इससे हादसे का सही कारण पता चलेगा।