'साराभाई' के 'रोसेश' राजेश शर्मा ने बताया, खेती में प्रयोग करके हो गए थे दिवालिया
फिल्म-टीवी अभिनेता राजेश शर्मा अपने कॉमिक किरदारों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा टीवी शो, 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में रोसेश के किरदार के लिए पहचाना जाता है। कम ही लोग जानते हैं कि अभिनेता ने कुछ सालों के लिए फिल्म जगत से हटकर खेती में भी हाथ आजमाया था। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया है कि सही जानकारी न होने की वजह से वह दिवालिया हो गए थे।
टीवी जगत से खुश नहीं थे राजेश
एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में उन्होंने अभिनय छोड़कर खेती करने के अनुभव के बारे में बताया। राजेश ने बताया कि टीवी जगत में मिल रहे किरदारों से वह खुश नहीं थे। ऐसे में 2017 में उन्होंने अपने गांव (बिहार में) वापस जाकर अपनी पैतृक जमीन पर खेती करने का फैसला लिया। राजेश ने जब अपने पिता को अपनी योजना के बारे में बताया तो उन्हें लगा कि यह कुछ दिन का शौक है फिर खत्म हो जाएगा।
बच्चों ने दिया साथ
राजेश अपनी खेती की योजना को लेकर काफी गंभीर थे। उन्हें लगता था कि यह ऐसा क्षेत्र है, जिसमें काम करके उन्हें संतुष्टि मिलेगी। राजेश ने बताया कि इसमें उनके बच्चों ने उनका बहुत साथ दिया था। उन्होंने याद किया कि उनके बेटे ने उनसे पूछा था, "पापा आप किसान क्यों बन रहे हैं? मैंने किताबों में पढ़ा है, किसान तो गरीब होते हैं?" राजेश ने अपने बेटे को समझाया था कि यही धारणा बदलनी है।
प्रकृति ने योजनाओं पर फेरा पानी
राजेश ने आगे बताया कि उन्हें इस क्षेत्र की सही जानकारी नहीं थी। ऐसे में उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने बताया, "प्रकृति ने मेरे साथ बहुत खेला और मुझे बहुत सीखने को मिला। मेरे अंदर बहुत कुछ बदला। मैंने 20 एकड़ जमीन में 15,000 पौधे लगाए थे। उस क्षेत्र में 30 साल से बाढ़ नहीं आई थी। जिस साल मैंने पौधे लगाए, वहां बाढ़ आ गई और मेरा खेत बह गया।"
हार मानने को तैयार नहीं थे राजेश
राजेश ने आगे बताया कि उन्होंने बारिश रुकने का इंतजार किया। इसके बाद फिर से पौधे लगाए। ये पौधे 4-5 महीने बड़े हुए और लॉकडाउन लग गया। लॉकडाउन में वे खेत पर नहीं जा सकते थे। लॉकडाउन के बाद फिर बारिश आ गई। उन्होंने कुछ दिन बाद फिर पौधे लगाए, तब आग लग गई। उन्होंने कहा, "मेरे साथ सब कुछ हुआ। ये सब करते-करते मेरे जीवन के 3-4 साल बीत गए। कोरोना खत्म होने तक मैं दिवालिया हो गया था।"
शुरु किया किसानों का स्टार्टअप
इसके बाद राजेश ने 'मेरा फैमिली फार्मर' नाम का स्टार्टअप शुरु किया। इसके पीछे उनका विचार था कि जैसे लोगों के पारिवारिक वकील होते हैं, पारिवारिक डॉक्टर होते हैं, वैसे पारिवारिक किसान (फैमिली फार्मर) भी हो सकता है। इस स्टार्टअप के जरिए वह जैविक खेती करने वाले किसानों को सीधा खरीददार से जोड़ते हैं। जैसे-जैसे किसान इससे जुड़ते गए, कई एकड़ जमीन रसायन मुक्त हो गई। राजेश ने बताया कि फिलहाल इसका ऐप तैयार किया जा रहा है।