अर्चना पूरन सिंह बोलीं- पक्षपात होता है, लेकिन मैं इंडस्ट्री में पुरुषों को मात दे चुकी
क्या है खबर?
अर्चना पूरन सिंह किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उन्होंने न सिर्फ छोटे पर्दे, बल्कि बड़े पर्दे पर भी अपनी अलग पहचान बनाई है।
100 से भी ज्यादा फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में काम कर चुकीं अर्चना काफी समय से 'द कपिल शर्मा शो' में जज की कुर्सी संभालती दिख रही हैं।
हाल ही में उन्होंने बताया कि कैसे कभी हार न मानने की जिद और जुनून के चलते उन्होंने पुरुषों के वर्चस्व के बीच इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई।
मकूमक
टीवी पर महिलाएं सशक्त हैं- अर्चना
फ्री प्रेस जर्नल से अर्चना ने कहा, "इंडस्ट्री में बिल्कुल भेदभाव है। मेरे साथ काम करने वालों को ज्यादा वेतन दिया जाता है, क्योंकि वे पुरुष हैं, लेकिन मैंने इस मामले में कई पुरुषों को मात भी दी है। कई पुरुष कलाकार हैं, जो मेरे प्रतिसपर्धी या मेरे बराबर के हैं, लेकिन उन्हें मुझसे कम भुगतान किया जाता है।"
उन्होंने कहा, "कई बाधाएं तोड़कर मैंने जीत हासिल की है और पुरुषों को हराया है। टीवी पर महिलाएं बेहद सशक्त हैं।"
दो टूक
"25 की उम्र में मैं 25 साल के हीरो की मां बनी"
अर्चना बोलीं, "जब मैं 25 साल की थी तो मैंने 25 साल के एक्टर की मां का किरदार निभाया। हमारी इंडस्ट्री में उम्र के हिसाब से काम मिलता है, लेकिन मैं इंडस्ट्री में करीब 40 साल से टिकी हूं।"
उन्होंने कहा, "मैं कई बार हारी। मुझे नीचे धकेला गया, मजाक उड़ाया गया और भी न जाने क्या-क्या। जब मैं इस इंडस्ट्री में आई तो किसी ने मुझसे कहा कि मुझे अपना चेहरा बदल लेना चाहिए, लेकिन मैंने बस अपनी सुनी।"
पहचान
अर्चना ने कैसे बनाया अपना नाम?
अर्चना कहती हैं कि वह आज जो कुछ भी हैं, वाे कई वर्षों की पीड़ा, जीवन के उतार-चढ़ाव और संघर्षों के कारण हैं। उनके मुताबिक महिलाएं मजबूत इसलिए होती हैं, क्योंकि वे बहुत कुछ झेल चुकी होती हैं। वे कई अनदेखी लड़ाइयां लड़ रही होती हैं।
उन्होंने कहा, "मैंने वो सब सहा है, जो हर दिन लाखों महिलाएं सह रही हैं। भेदभाव, अस्वीकृति, लिंगवाद और निजी नुकसान, लेकिन इन सभी चीजों ने मुझे सफल बनाया। मैं कभी हार नहीं मानूंगी।"
शिकायत
खलती है इस चीज की कमी
अर्चना का कहना है कि इंडस्ट्री में उनकी छवि एक कॉमेडियन की बनी हुई है। वह कॉमेडी का लुत्फ उठाती हैं, लेकिन उन्हें एक चीज की कमी खलती है कि उनकी प्रतिभा और उनकी कला के दूसरे पक्ष को दरकिनार कर दिया गया है।
अर्चना को कोई गंभीर भूमिका निभाने का मौका नहीं देता।
बता दें कि चाहे फिल्म 'मोहब्बतें' की 'प्रीतो' हो या फिर 'कुछ कुछ होता है' की 'मिस ब्रिगेंजा', दर्शकों को अर्चना हर रूप में पसंद आईं।
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