राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: लोकप्रिय नामों के अलावा ये भी रहीं समारोह की खास बातें
शुक्रवार को नई दिल्ली में 68वें राष्ट्रीय पुरस्कारों का वितरण किया गया। इस समारोह की कई झलकियां सोशल मीडिया पर लोग शेयर कर रहे हैं। अजय देवगन की फिल्म 'तान्हाजी' ने सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार जीता। अजय ने तमिल स्टार सूर्या के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार लिया। हालांकि, इस समारोह में कई ऐसे विजेता रहे जो इन बड़े नामों के आगे गुम हो गए। आइए, आपको बताते हैं लोकप्रिय नामों के अलावा समारोह में और क्या था खास।
आदिवासी महिला नन्जियामा बनीं सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर
शुक्रवार को हुए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में 60 वर्षीय नन्जियामा ने सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का पुरस्कार जीता। उन्हें यह पुरस्कार फिल्म 'अयप्पणुम कोशियम' के गाने 'कलाक्कथा' के लिए दिया गया। नन्जियामा केरल के एक आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। वह मुख्यत: मलयालम लोकगीतों को गाने के लिए पहचानी जाती हैं। 2020 में उनका गाना 'कालाक्कथा' सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। शुक्रवार को जब उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार लिया तो लोगों ने खड़े होकर उनके लिए तालियां बजाईं।
नन्जियामा ने आशा पारेख के लिए गाया कालाक्काथा
दिव्यांग बाल कलाकार दिवेश इंदुलकर को मिला पुरस्कार
दिवेश इंदुलकर ने मराठी फिल्म 'सुमी' के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार जीता। उन्होंने यह पुरस्कार आकांक्षा पिंगले के साथ संयुक्त रूप से जीता। दिवेश मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। दिवेश जन्म से दिव्यांग हैं। वह सुन नहीं सकते हैं और हियरिंग एड और साइन लैंग्वेज के माध्यम से संवाद करते हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। दिवेश ऋतिक रोशन के प्रशंसक हैं।
'सोरारई पोटरू' को मिले पांच राष्ट्रीय पुरस्कार
68वें राष्ट्रीय पुरस्कारों में क्षेत्रीय भाषाओं का दबदबा रहा। कई श्रेणियों में क्षेत्रिय भाषा के कलाकारों ने बाजी मारी। तमिल फिल्म 'सोरारई पोटरू' सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए चर्चा में है लेकिन इस फिल्म ने इसके अलावा चार अन्य श्रेणियों में भी पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (सूर्या), सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (अपर्णा बालमुरली), सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन (शालिनी और ऊषा) और सर्वश्रेष्ठ बैकग्राउंड स्कोर का पुरस्कार भी जीता।
मधुर भंडारकर ने चौथी बार जीता राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
मधुर भंडारकर की बंगाली फिल्म 'अविजातरिक' ने सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म का पुरस्कार जीता। यह मधुर का चौथा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है। इससे पहले 2002 में उनकी फिल्म 'चांदनी बार' ने सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्म की श्रेणी में यह पुरस्कार जीता था। 2003 में उनकी फिल्म 'पेज 3' ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म और 2008 में 'ट्रैफिक सिग्नल' ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता था। 2016 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।
न्यूजबाइट्स प्लस
इस समारोह में सदाबहार अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया। 79 वर्षीया आशा पारेख 'दिल देके देखो', 'कटी पतंग', तीसरी मंजिल जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं।