#NewsBytesExplainer: क्या है डी-एजिंग तकनीक? शाहरुख खान ने बॉलीवुड में 'रा.वन' से की इसकी शुरुआत
बॉलीवुड हो या हॉलीवुड, पर्दे पर सितारे काफी शानदार और खूबसूरत दिखते हैं। कभी-कभी तो वे अपनी उम्र से भी छोटे दिखने लगते हैं, जो प्रशंसक को हैरानी में डाल देता हैं। ऐसे में क्या कभी किसी फिल्म को देखते समय आपके मन में ख्याल आया है कि आखिर ऐसा कैसे होता है? दरअसल, यह डी-एजिंग तकनीक से मुमकिन है, जो सितारों की उम्र को कम करने में मदद करती है। आइए आज इस तकनीक के बारे में जानते हैं।
ये होती है डी-एजिंग तकनीक
अपने नाम की तरह ही डी-एजिंग एक 3D प्रभाव वाली तकनीक है, जिसका उपयोग सितारों को पर्दे पर युवा दिखाने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया पोस्ट-प्रोडक्शन के दौरान की जाती है, जिसमें आमतौर पर डिजिटल कॉपी को संपादित किया जाता है या फिर कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी (CGI) की मदद ली जाती है। अब इस तकनीक की मदद से सितारों की उम्र को घटाना एक बटन पर ही निर्भर करता है और इसका इस्तेमाल फिल्मों में खूब किया जाता है।
कैसे होता है इस्तेमाल?
इस तकनीक के साथ शूटिंग करने के लिए सितारे के चेहरे पर काले रंग की छोटी-छोटी बिंदु बनाई जाती हैं। इनकी मदद से एडिटर को अभिनेता के सिर का एक 3डी मॉडल बनाने की अनुमति मिलती है, जिसे बाद में अभिनेता के सिर के मूवमेंट के साथ सिंक्रनाइज कर दिया जाता है। इसके बाद आखिर में इन बिंदुओं को अभिनेता की असली त्वचा में जोड़ दिया जाता है, जिससे वह पहले से कम उम्र के दिखने लगते हैं।
फ्लैशबैक या जवानी के दिन दिखाने के लिए होता है इस्तेमाल
आमतौर पर फिल्मों में डी-एजिंग का उपयोग किसी अभिनेता के जवानी के दिनों को दिखाने के लिए या फिर कहानी के फ्लैशबैक में चलने पर होता है। इसके अलावा कहानी की मांग के अनुसार भी इस तकनीक का इस्तेमाल होता है। कई बार सितारों को पूरी फिल्म में ही युवा दिखाया जाता है। दक्षिण भारतीय सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत की उम्र इसी तकनीक से कम होती है। इसकी मदद से पर्दे पर उन्हें जवान दिखाने में आसानी होती है।
इस तकनीक के आने से पहले ऐसा था हाल
इस तकनीक के भारतीय सिनेमा में आने से पहले मेकअप और प्रोस्थेटिक्स का इस्तेमाल करके सितारों की उम्र छोटी दिखाई जाती थी। इस दौरान मेकअप आर्टिस्ट, तकनीशियन सहित सभी अन्य विभाग सितारों को किरदार के हिसाब से पर्दे पर दिखाने की कोशिश करते थे। इतना ही नहीं कई बार जवानी के दिनों को दिखाने के लिए किसी छोटे बच्चे को फिल्म का हिस्सा बनाया जाता था। हालांकि, यह कभी भी उतना प्रभावशाली नहीं लगा, जिनता अब डी-एजिंग से लगता है।
शाहरुख खान की फिल्म में पहली बार दिखी तकनीक
रिपोर्ट्स के अनुसार, शाहरुख खान की 2011 की फिल्म 'रा.वन' के साथ डी-एजिंग तकनीक ने भारत में कदम रखा था। फिल्म में शाहरुख के वीडियो गेम वाले किरदार जी.वन को युवा दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ था। 2016 में शाहरुख ने दोबारा फिल्म 'फैन' में इसका उपयोग किया, लेकिन दोनों ही फिल्में सफल नहीं हो पाईं। इसके बाद फिल्म 'भारत' में सलमान खान और 'लाल सिंह चड्ढा' में आमिर खान सहित कई अन्य सितारों ने भी इसका इस्तेमाल किया।
साउथ के ये सितारे भी शामिल
फिल्म 'विक्रम' (2022) के लिए कमल हासन ने डी-एजिंग का सहारा लिया था, वहीं चिरंजीवी फिल्म 'आचार्य' (2022) में फ्लैशबैक के सीन में इसकी मदद से ही युवा अवस्था में नजर आए थे। अब रजनीकांत निर्देशक लोकेश कनगराज की आगामी फिल्म में इसका इस्तेमाल करेंगे।
हॉलीवुड में भी काफी समय हो रहा उपयोग
इस तकनीक का उपयोग भारतीय सिनेमा से पहले से ही हॉलीवुड फिल्मों में किया जा रहा है। अगर आपने मार्वल की फिल्म 'कैप्टन अमेरिका: सिविल वॉर' देखी होगी तो इसके एक फ्लैशबैक सीन में निर्माताओं ने टोनी स्टार्क (रॉबर्ट डाउनी जूनियर) को युवा अवस्था में दिखाया था। 'द क्यूरियस केस ऑफ बेंजामिन बटन', 'एंट-मैन एंड द वास्प' और 'इट: चैप्टर 2' जैसे कई फिल्में इसका उदाहरण हैं, जिसमें इस ये तकनीक का उपयोग किया गया है।