कहीं कॉमेडी कहीं थ्रिलर, ये हैं बॉलीवुड की बेस्ट कोर्टरूम ड्रामा फिल्में
कोर्टरूम असली हों या फिल्मी, कोर्टरूम की कहानियों में सबकी दिलचस्पी होती है। बॉलीवुड ने समय-समय पर अलग-अलग मुद्दों को उठाते हुए कोर्टरूम ड्रामे पर फिल्में बनाई हैं। सामाजिक मुद्दों पर बनी इन फिल्मों को क्रिटिक्स की रेटिंग के साथ ही दर्शकों का भी प्यार मिलता है। इन फिल्मों में कुछ मेकर्स कॉमेडी का मसाला डालते हैं तो कुछ थ्रिलर का। आइए, आपको बताते हैं बीते दशक आईं बॉलीवुड की बेस्ट कोर्टरूम ड्रामा फिल्मों के बारे में।
ओ माई गॉड (OMG)
2012 में आई फिल्म 'ओ माई गॉड' में परेश रावल मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म का किरदार कंजीलालजी मेहता की भूकंप में दुकान गिर जाती है। जब वह बीमा का पैसा लेने जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि यह 'ऐक्ट ऑफ गॉड' है और उन्हें इसके पैसे नहीं मिलेंगे। इसके बाद वह भगवान पर मुकदमा दर्ज कर देते हैं। कई राजनीतिक, सामाजिक और भावनात्मक ऐंगल से होते हुए कोर्ट आखिर में अपने फैसले पर पहुंचता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मेकर्स 'OMG' के सीक्वल की घोषणा कर चुके हैं। 'OMG 2' में पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं। उनके साथ फिल्म में अक्षय कुमार और यामी गौतम नजर आएंगे।
जॉली LLB
2013 में आई फिल्म 'जॉली LLB' बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा कोर्टरूम ड्रामा फिल्मों में से एक है। फिल्म में तजिंदर राजपाल (बमन ईरानी) एक रसूख वाले वकील है, वहीं जॉली (अरशद वारसी) ने बस अपना करियर शुरू किया है। लोकप्रियता के लिए जॉली फुटपाथ पर छह लोगों की गाड़ी से हुई मौत के लिए याचिका दायर कर देता है। बाद में वह इस केस से भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है और सच सामने लाने की लड़ाई लड़ता है।
पिंक
लड़कियों की 'न' का मतलब 'न' होता है, समाज को यह संदेश देने वाली 'पिंक' 2016 की सबसे चर्चित फिल्म रही। फिल्म में मृणाल (तापसी पन्नू) का चलती कार में रेप हो जाता है। अपराधी उसे पुलिस के पास जाने पर अंजाम भुगतने की धमकी देते हैं। मृणाल फिर भी अपने इंसाफ की लड़ाई लड़ती है। आरोपी पक्ष के वकील कोर्टरूम में लगातार लड़कियों के चरित्र पर सवाल उठाते हैं, जिसका मृणाल के वकील (अमिताभ बच्चन) मुंहतोड़ जवाब देते हैं।
मुल्क
इस फिल्म में तापसी पन्नू एक वकील के किरदार में नजर आ रही हैं। ऋषि कपूर स्टारर यह फिल्म मजहब के नाम पर मुसलमानों की देशभक्ति पर उठने वाले सवाल के मुद्दे को दिखाती है। एक मुस्लिम परिवार का छोटा बेटा आतंकी गतिविधियों में शामिल हो जाता है और उसका एनकाउंटर कर दिया जाता है। इसके बाद बुजुर्गों समेत पूरे परिवार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। उनकी हिंदू बहू और वकील उनका केस लड़ती है।