UPSC की तैयारी की शुरुआत में नए अभ्यर्थियों को नहीं करनी चाहिए ये गलतियां
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाना काफी चुनौतीपूर्ण है। हर साल लाखों युवाओं में से कुछ ही युवा IAS, IPS अधिकारी बन पाते हैं। परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ सही रणनीति का पालन करना जरूरी है। हालांकि, कई नए अभ्यर्थी तैयारी के दौरान बुनियादी गलतियां कर बैठते हैं, इससे उनके सफल होने की संभावनाएं प्रभावित होती हैं। आइए जानते हैं नए अभ्यर्थियों को किन गलतियों से बचना चाहिए।
NCERT किताबें न पढ़ना
कई नए अभ्यर्थी NCERT किताबों को दरकिनार करते हुए तैयारी की शुरुआत में ही लक्ष्मीकांत, स्पेक्ट्रम जैसी संदर्भ पुस्तकें पढ़ने लगते है, लेकिन ये तरीका गलत है। NCERT किताबें तैयारी के लिए आधार बनाती है और उम्मीदवार विषय की बुनियादी अवधारणाएं से परिचित हो पाते हैं। ऐसे में किसी भी विषय की तैयारी करते समय 6वीं से 12वीं तक की NCERT किताबें जरूर पढ़ें। एक बार किताबें पढ़ने के बाद तुरंत नोट्स बनाने की गलती से भी बचें।
अखबार से अप्रांसगिक सामग्री पढ़ना
UPSC की तैयारी के लिए समाचार पत्र एक महत्वपूर्ण अध्ययन सामग्री है, लेकिन एक नए अभ्यर्थी को गपशप और अप्रांसगिक सामग्री फिल्टर करने में सक्षम होना चाहिए। कई अभ्यर्थी 3 से 4 घंटे तक केवल अखबार पढ़ते रहते हैं और फिर भी महत्वपूर्ण भागों पर ध्यान नहीं दे पाते। उम्मीदवार समझें कि परीक्षा के दृष्टिकोण से अखबार के 2 प्रमुख खंड है पहला घटनाएं और दूसरा समसामयिक मुद्दे। अभ्यर्थियों को केवल इनसे जुड़ी खबरें ही पढ़ना चाहिए।
पिछले साल के प्रश्नपत्र हल न करना
कुछ नए अभ्यर्थी पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों के महत्व को समझने में असफल रहते हैं जबकि ये UPSC द्वारा अपनाई गई नवीनतम प्रवृत्ति के अनुसार तैयारी करने में मददगार होते हैं। पिछले साल के प्रश्नपत्र उम्मीदवारों को पेपर के बदलते पैटर्न और दोहराए जाने वाले विषयों से अवगत कराते हैं। ऐसे में उम्मीदवारों को किसी भी विषय को पढ़ने से पहले उसके पिछले साल के प्रश्नपत्र हल करना चाहिए, इससे सही दिशा में तैयारी करने में मदद मिलेगी।
बहुत सारी किताबें पढ़ना
UPSC सिविल सेवा परीक्षा के जरिए किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञ की तलाश नहीं करती, बल्कि सभी क्षेत्रों का ज्ञान रखने वाले उम्मीदवारों को चुनती है। ऐसे में बहुत सारी किताबें पढ़ना एक बड़ी गलती है। उम्मीदवार प्रत्येक विषय को सीमित स्त्रोतों की मदद से ही पढ़ें। अतिरिक्त अध्ययन सामग्री को संभाल कर रखना और संशोधित करना मुश्किल होता है। ऐसे में किसी विषय के लिए 1 ही संदर्भ पुस्तक का इस्तेमाल करें और इसे बार-बार पढ़ें।
मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना
कई अभ्यर्थी तैयारी के दौरान पूरी दुनिया से अलग हो जाते हैं और ढेर सारी किताबों के साथ खुद को घर के अंदर ही सीमित कर लेते हैं, लेकिन ये अनावश्यक तनाव पैदा करते है। इसकी वजह से उम्मीदवारों की याद करने की क्षमता प्रभावित होती है। नए अभ्यर्थी ऐसी गलती बिल्कुल न करें। अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लोगों से सीमित बातचीत करें, कई बार बातचीत के दौरान आप नए दृष्टिकोण से परिचित होते हैं।