UPSC: पुलिस कांस्टेबल से सीधे ग्रेड-A अधिकारी बनेंगे रामभजन, प्रेरणादायक है उनकी कहानी
क्या है खबर?
कहते हैं कि कुछ किए बिना जयकार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
इस कहावत को राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले रामभजन कुम्हार ने चरितार्थ कर दिखाया है।
रामभजन ने अपने 8वें प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 667वीं रैंक हासिल कर अपना और अपने परिवार वालों का सपना पूरा किया है।
आइए उनके इस प्रेरणादायक सफर पर एक नजर डालते हैं।
ग्रामीण
गांव के सरकारी स्कूल से की पढ़ाई
रामभजन दौसा जिले के बापी गांव के रहने वाले हैं और वह बेहद साधारण परिवार से आते हैं।
उनके माता-पिता श्रमिक वर्ग से हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की थी।
रामभजन बचपन से ही काफी मेहनती रहे हैं। कक्षा 12 के बाद उनका चयन दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर हुआ था।
परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए वह पुलिस में नौकरी करने लगे और साथ में कॉलेज की पढ़ाई भी की।
साल
कॉन्स्टेबल से सीधे ग्रेड-A के अधिकारी बनेंगे रामभजन
वर्तमान में दिल्ली पुलिस में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात रामभजन ने अपने सीनियर अधिकारियों से प्रेरणा लेकर साल 2015 में UPSC की तैयारी शुरू की थी।
साल 2018 में उन्होंने पहली बार प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन मुख्य परीक्षा पास नहीं कर पाए।
इसके बाद भी उन्होंने मेहनत जारी रखी और अपने 8वें प्रयास में सफलता हासिल कर ली। अब रामभजन सीधे ग्रेड-A अधिकारी बनेंगे।
हालांकि, रैंक सुधार के लिए वह इस साल दोबारा परीक्षा में शामिल होंगे।
पुलिस
पुलिस की नौकरी में पढ़ाई के लिए ऐसे निकालते थे वक्त
पुलिस की नौकरी सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। देश में कई जवान घंटों बिना छुट्टी के ड्यूटी करते हैं और रामभजन भी उनमें से एक हैं।
रामभजन पुलिस की कठिन नौकरी के साथ पढ़ाई के लिए समय निकालते थे। जब भी खाली समय मिलता था तब वह पढ़ने बैठ जाते थे।
वह हर दिन नौकरी के साथ 7 से 8 घंटे अनुशासन के साथ पढ़ाई करते थे। उन्होंने घंटों से ज्यादा पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान दिया।
असफलता
मेरे पास खोने को कुछ नहीं था- राम भजन
राम भजन बताते हैं "मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था, मेरे पास सामने अवसर ही अवसर थे और इसी बात ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे परिवार वालों ने बहुत साथ दिया। हर बार असफल होने पर मुझे बुरा लगता था, लेकिन मैंने निराश होने में समय बर्बाद नहीं किया। असफलता के बाद मैंने अपनी गलतियों में सुधार किया और अपने कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान दिया था।"
हार
अफसर बनने के लिए सब कुछ छोड़ा
इस परीक्षा को पास करने के लिए रामभजन ने सब कुछ त्याग दिया। परिवार से दूर रहकर पढ़ाई की।
पुलिस की नौकरी में पढ़ाई के लिए वक्त निकाल पाना बहुत मुश्किल होता है।
ऐसे में रामभजन बिल्कुल भी समय बर्बाद नहीं करते थे। किसी चीज से विचलित होने के बजाय पूरा ध्यान पढ़ाई पर देते थे।
छुट्टी वाले दिन भी वह कहीं बाहर नहीं जाते थे और अपने समय का सदुपयोग करते हुए पढ़ाई करते थे।
सलाह
सफलता के लिए रामभजन की सलाह
रामभजन ने भावी अभ्यर्थियों को सलाह दी है कि लगन के साथ अनुशासित रहते हुए पढ़ाई करें। पाठ्यक्रम को अच्छी तरह समझें और प्रत्येक विषय पर ध्यान दें। असफलताओं से सीख लेकर आगे बढ़ें और कोशिश करते रहें। सफलता जरूर मिलेगी।
अपनी तैयारी के दौरान राम भजन ने पाठ्यक्रम को समझा और रिवीजन पर फोकस किया। उत्तर लेखन पर विशेष ध्यान दिया।
उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि तैयारी के दौरान एकाग्रता से पढ़ाई करना बेहद जरूरी है।