आर्किटेक्चर में दाखिले के लिए कक्षा 12 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित की अनिवार्यता खत्म
आर्किटेक्ट बनने का सपना देख रहे छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने मंगलवार को ऐलान किया कि अब से आर्किटेक्चर के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए कक्षा 12 में फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित होना अनिवार्य नहीं होगा। इसके साथ ही अन्य दो पाठ्यक्रमों, फैशन प्रौद्योगिकी और पैकेजिंग प्रौद्योगिकी, में भी इन विषयों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
AICTE ने ये फैसला किस आधार पर लिया?
AICTE ने पिछले साल निर्णय लिया था कि इंजीनियरिंग और तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए कक्षा 12 में फिजिक्स, केमेस्ट्री और गणित विषय अनिवार्य नहीं होंगे। AICTE के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "किन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित को वैकल्पिक बनाया जा सकता है, इस पर सिफारिश करने के लिए हमने एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी।" उन्होंने कहा कि समिति की सिफारिशों के आधार पर इन तीन पाठ्यक्रमों का चयन किया गया है।
इन विषयों के आधार पर आर्किटेक्चर, फैशन और पैकेजिंग प्रौद्योगिकी में मिल सकता है एडमिशन
बता दें कि फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित के अलावा इन तीन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्रता वाले विषयों में कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, इंफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिसेस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज और एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं।
कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेजों में आरक्षित होंगी सीटें
AICTE ने यह फैसला भी लिया है कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सभी संबद्ध पॉलिटेक्निक संस्थानों में PM केयर्स योजना के तहत ऐसे छात्र जिनके माता-पिता की कोरोना वायरस के कारण मृत्यु हुई है, उनके लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में दो अतिरिक्त सीटें आरक्षित रहेंगी। इस आरक्षण से अन्य बच्चों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इस प्रावधान के तहत छात्रों का प्रवेश करने वाले संस्थानों को अपनी स्वीकृत क्षमता में दो सीटें बढ़ाने की अनुमति होगी।
क्या है PM केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना?
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान कई बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं। ऐसे बच्चों की मदद के लिए सरकार ने 'PM केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना' की शुरूआत की है। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को समग्र दृष्टिकोण, शिक्षा, अच्छे स्वास्थ्य के लिए वित्तपोषण, 18 वर्ष की आयु से मासिक वजीफा और 23 वर्ष की आयु होने पर 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी।