AIIMS MBBS 2019: एक महीने में तैयारी के लिए अपनाएं ये रणनीति, मिलेगी सफलता
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में प्रवेश लेना मेडिकल उम्मीदवारों के लिए सपना होता है। AIIMS MBBS प्रवेश परीक्षा पूरे भारत में AIIMS परिसरों में प्रवेश के लिए आयोजित कराई जाती है। यह सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, लेकिन उम्मीदवार सही तैयारी के साथ इस प्रवेश परीक्षा में पास हो सकते हैं। हमने अपने आज के इस लेख में एक महीने में AIIMS MBBS प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए स्ट्रेटिजी बताई है। आइए जानें।
बनाएं एक ठोस अध्ययन योजना
सबसे पहले AIIMS प्रवेश के लिए एक ठोस अध्ययन योजना तैयार करें। AIIMS प्रवेश परीक्षा को पास करने के लिए उम्मीदवारों को पहले एक टाइम टेबल बनाना होगा। तैयारी के लिए उचित योजना होना आवश्यक है। उम्मीदवारों को अपने समय का सही उपयोग करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास पाठ्यक्रम में प्रत्येक विषय का अध्ययन और संशोधन करने का पर्याप्त समय हो। जो विषय उन्हें कठिन लगते हैं, उन्हें अधिक समय देना चाहिए।
अध्ययन के लिए आवश्यक किताबें होना है जरूरी
उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास सभी आवश्यक किताबें हैं। उनके पास NCERT की पाठ्यपुस्तकें और AIIMS प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए स्टडी मैटेरियल होना चाहिए। उन्हें नवीनतम सिलेबस, परीक्षा पैटर्न को जानना चाहिए और उसी के अनुसार किताबें लेनी चाहिए।
समय से रोज़ अभ्यास करें
AIIMS प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को रोज़ जो कुछ भी वे सीखते हैं, उसका रिवीजन/अभ्यास करना चाहिए। इससे उन्हें अधिक समय तक पढ़ी हुई चीज़ को याद रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा कठिनाई स्तर के अनुसार विषयों को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन उम्मीदवारों को किसी भी विषय को छोड़ना या अनदेखा नहीं करना चाहिए। परीक्षा से पहले विषयों और कॉन्सेप्ट के त्वरित रिवीजन के लिए अध्ययन करते समय संक्षिप्त नोट्स तैयार करने चाहिए।
मॉक टेस्ट देना है बहुत महत्वपूर्ण
AIIMS प्रवेश परीक्षा को पास करने के लिए पिछले साल के प्रश्न पत्रों को हल करना आवश्यक है। उम्मीदवारों को परीक्षा पैटर्न, कठिनाई स्तर और प्रश्न रुझान आदि जानने के लिए समय अनुसार प्रश्न पत्रों को हल करना चाहिए और परीक्षा में समय का बेहतर उपयोग करना आना चाहिए। उन्हें मॉक टेस्ट भी देने चाहिए और नियमित रूप से अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करना चाहिए। कमजोर क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए।