12वीं के बाद फायर इंजीनियर के रूप में बनाएं करियर, करें ये कोर्स
वर्तमान समय में प्रोफेशनल फायर इंजीनियरों की मांग बहुत बढ़ गई है। ऐसे में फायर इंजीनियरिंग 12वीं के बाद अच्छा करियर विकल्प साबित हो सकती है। सिविल इंजीनियरिंग, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की तरह इसमें भी करियर की अच्छी संभावनाएं हैं। फायर इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद फायरमैन से लेकर चीफ फायर ऑफिसर जैसे पदों पर काम किया जा सकता है। आइए जानते हैं 12वीं के बाद फायर इंजीनियर के रूप में करियर कैसे बनाएं।
कौनसा कोर्स करें?
फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित विषय से 12वीं पास उम्मीदवार 4 वर्ष का फायर टेक्नोलॉजी एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग का कोर्स कर सकते हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद फायर एंड सेफ्टी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं। इसके अलावा डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स और PG डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं। उम्मीदवार डिप्लोमा इन फायर एंड सेफ्टी, सर्टिफिकेट इन फायर फाइटिंग, फायर टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन रेस्क्यू एंड फायर फाइटिंग जैसे कोर्स कर सकते हैं।
किस संस्थान से करें पढ़ाई?
उम्मीदवार IIT-खड़गपुर, डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी पुणे, राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा महाविद्यालय, दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग जैसे संस्थानों में प्रवेश ले सकते हैं। अधिकांश संस्थानों में प्रवेश के लिए JEE मेन, JEE एडवांस जैसे प्रवेश परीक्षाएं देनी होगी।
कहां मिलेगी नौकरी?
फायर टेक्नोलॉजी इंजीनियर के लिए सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में नौकरी के अच्छे अवसर है। मेट्रो शहरों के अलावा कई जिले और कस्बों में फायर स्टेशन बनने से इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ी हैं। अब अधिकांश सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में एक फायर इंजीनियर की नियुक्ति अनिवार्य कर दी गई है। पेट्रोलियम रिफाइनरी, टेक्सटाइल कंपनियां, फर्टिलाइजर कंपनियां, फायर सेफ्टी कंपनियां और मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों में फायर इंजीनियर के पदों पर आवेदन कर सकते हैं।
क्या योग्यता है जरूरी?
विज्ञान विषय के साथ 12वीं में 50 फीसदी अंक से उत्तीर्ण होना चाहिए। एक फायर इंजीनियर में हर परिस्थिति में धैर्य रखने की काबिलियत और हालात के अनुसार कार्य करने की क्षमता होना चाहिए। फायर इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए मजबूत शारीरिक योग्यता भी आवश्यक है। पुरुषों के लिए लंबाई कम से कम 165 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए लंबाई कम से कम 157 सेंटीमीटर होना जरूरी है। इसके अलावा वजन और दृष्टि के मापदंड भी तय हैं।
फायर इंजीनियर का काम और वेतन
फायर इंजीनियर का मुख्य कार्य आग रोकने के उपायों का विश्लेषण करना और आग लगने के कारणों का पता लगाना होता है। फायर इंजीनियर कम से कम समय में उपलब्ध संसाधनों से नुकसान होने से बचाने का प्रयास करता है। इस क्षेत्र में शुरुआत में 10,000-15,000 रुपये प्रतिमाह कमा सकते हैं जबकि अनुभव बढ़ने पर वेतन 1,00,000-1,50,000 रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाता है। काम का अनुभव होने के बाद आप खुद की फायर सेफ्टी एजेंसी भी शुरू कर सकते हैं।