IIT इंदौर शुरू करेगा अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग कोर्स, जानें इस क्षेत्र में कैसे बनाएं करियर
क्या है खबर?
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) इंदौर ने अपने पाठ्यक्रम में एक नया कोर्स शामिल किया है।
IIT इंदौर के खगोल विज्ञान, खगोल भौतिकी और अंतरिक्ष इंजीनियरिंग विभाग (DAASE) ने अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग में BTech कोर्स शुरू करने की घोषणा की है।
ये कोर्स जुलाई, 2023 से शुरू होगा। इस कोर्स में शुरुआती तौर पर 20 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग में BTech 12वीं के बाद बेहतर करियर विकल्प साबित हो सकता है।
सुविधा
क्या है IIT इंदौर की योजना?
IIT इंदौर DAASE ने ट्वीट किया, 'हम अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग में BTech कार्यक्रम की 20 सीटों के साथ शुरुआत कर रहे हैं। इसमें प्रवेश JEE के माध्यम से होगा। ये एक अनूठा BTech कोर्स है, जो अत्याधुनिक ज्ञान के साथ कुशल मानव संसाधन विकसित करने की कल्पना करता है।'
इस कोर्स के छात्र स्पेस इंस्ट्रूमेंटेशन, इमेजिंग एंड डाटा एनालिटिक्स, रिमोट सेंसिंग एंड एटमॉस्फेरिक इंजीनियरिंग और एस्ट्रोनॉमी में विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे।
करियर
बेहतरीन करियर विकल्प है अंतरिक्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग
मौजूदा समय में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी के लगभग हर हिस्से को प्रभावित कर रही है।
अंतरिक्ष की अतरंगी दुनिया, सैटेलाइट, अलग-अलग गृह और रॉकेट, ये सारी चीजें युवाओं का आकर्षित करती हैं।
अगर आपको भी अंतरिक्ष में काम करना है तो अंतरिक्ष विज्ञान और टेक्नोलॉजी में BTech कर सकते हैं।
4 वर्षीय कोर्स में प्लेनेटरी विज्ञान, कॉस्मोलॉजी, एस्ट्रोफिजिक्स, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग पढ़ाया जाता है।
इसके बाद छात्र एस्ट्रोनॉमी, अंतरिक्ष वैज्ञानिक, रोबोटिक्स जैसे विषयों से मास्टर्स कर सकते हैं।
प्रवेश
प्रवेश परीक्षा और शिक्षा संस्थान
अंतरिक्ष विज्ञान कोर्स में प्रवेश के लिए 4 प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती है।
इसमें IIT JEE, भारतीय अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी संस्थान प्रवेश परीक्षा (ISAT), भारतीय विज्ञान संस्थान प्रवेश परीक्षा और BITSAT परीक्षा शामिल हैं।
प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद रैंक के आधार पर शिक्षा संस्थानों में प्रवेश दिया जाता है।
भारत में IIT-बॉम्बे, IIT-खड़गपुर, IIT-मद्रास, IIT-कानपुर, BIT मेसरा रांची, IISC बैंगलोर, गुजरात विश्वविद्यालय, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान से ये कोर्स कर सकते हैं।
नौकरी
नौकरी की संभावनाएं
इस क्षेत्र के इंजीनियर एस्ट्रोफिजिसिस्ट, एस्ट्रोनॉमी, ड्रॉफ्टर, वैज्ञानिक, रिसर्च एसोसिएट, लेसर टेक्नीशियन, इनवायरमेंटल साइंटिस्ट, पायलट एस्ट्रोनॉट, प्रोजेक्ट मैनेजर और मिशन स्पेशलिस्ट के तौर पर सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इन इंजीनियरों के लिए नौकरी के कई अवसर हैं। अंतरिक्ष इंजीनियर ISRO, वायुसेना, हेलीकॉप्टर कंपनियों, रक्षा मंत्रालय, नासा, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, एयरलाइंस, फ्लाइंग क्लब, वैमानिकी प्रयोगशालाओं और विमान निर्माताओं के साथ काम कर सकते हैं।
जानकारी
कितना मिलता है वेतन?
अंतरिक्ष इंजीनियर का वेतन लाखों में होता है। इस फील्ड में वेतन 50,000 रुपये प्रतिमाह से शुरू होकर 2,00,000 रुपये प्रतिमाह तक पहुंचता है। अगर आप किसी बड़े समूह के साथ काम कर रहे हैं तो वेतन इससे भी ज्यादा हो सकता है।