
इन कारणों के चलते पढ़ाई से दूर भागते हैं बच्चे, तुरंत करें सुधार
क्या है खबर?
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कई बार पढ़ाई से दूर भागने लगते हैं। शिक्षकों, माता-पिता की डांट और समझाइश के बाद भी वे पढ़ाई नहीं करते।
इसके चलते उनका शैक्षणिक प्रदर्शन खराब होता है और वे काफी पिछड़ जाते हैं।
ऐसे कई कारण हो सकते हैं, जिनकी वजह से बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता। ऐसे में माता-पिता को इन कारणों को समझकर बच्चों की मदद करना चाहिए।
आइए कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं।
#1
विषय की कठिनाई
छोटे हों या बड़े, कठिन विषयों से सभी बच्चे दूर भागते हैं। आमतौर पर छात्र सरल विषयों को बार-बार पढ़ते हैं, लेकिन कठिन विषयों को पढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
अगर बच्चे पढ़ाई करने से इनकार कर रहे हैं तो अभिभावक समझें कि विषय कितना कठिन है और इस हिसाब से बच्चों को प्रेरित करें।
कठिन चीजों को सरल ढंग से समझाएं ताकि विषय में उनकी रुचि बढ़े। कठिन विषयों को सबसे केंद्रित समय में पढ़ने पर जोर दें।
#2
असफलता का डर
कई बार बच्चे असफलता के डर से पढ़ाई में रुचि नहीं लेते। फेल होने का डर उन्हें तनावग्रस्त कर देता है और वे किताबें खोलने से भी कतराते हैं।
ऐसी स्थिति में बच्चों की काउंसलिंग करें। उन्हें समझाएं कि सफलता और असफलता जीवन के 2 पहलू हैं।
बच्चों को पास और फेल के बारे में न सोचकर केवल वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहें।
असफलता का डर दूर होने पर बच्चे खुद ही पढ़ाई करने लगेंगे।
#3
बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम
टेलीविजन या वीडियो गेम के अत्याधिक उपयोग से बच्चों की पढ़ने में रुचि कम हो सकती है।
कई बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं के बहाने दिन भर मोबाइल चलाते हैं। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों पर कड़ी निगरानी रखना चाहिए।
स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से बच्चों की आंखों पर भी असर पड़ता है और दृष्टि संबंधी समस्याओं की वजह से वे पढ़ाई करने में आनाकानी करने लगते हैं।
ऐसे में बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने का प्रयास करें।
#4
सीखने की शैली में अंतर
हर बच्चे की सीखने की अलग शैली होती है। कुछ बच्चे किताबें और चित्र देखकर पढ़ना पसंद करते हैं तो कई बच्चे सुनकर चीजों को याद करते हैं।
जब बच्चों को उनके सीखने की शैली के अनुरूप नहीं पढ़ाया जाता तो वे ऊब जाते हैं और पढ़ाई का विरोध करने लगते हैं।
ऐसे में बच्चे से उसकी पसंद पूछे। उसे व्यवहारिक गतिविधि, वीडियो कक्षा या श्रवण विधियों के माध्यम से पढ़ाएं।
जानकारी
सकारात्मक रॉल मॉडल का अभाव
कई बार साकारात्मक रॉल मॉडल न होने पर बच्चे पढ़ाई में रुचि खो देते हैं। ऐसे में घर पर पढ़ाई वाला वातावरण बनाएं। घर में मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित रखें और खाली समय में रुचिवर्धक किताबें पढ़ने पर जोर दें।